गधे खाएंगे चमनप्राश..गाय लेगी हर्बल टॉनिक
* अब मवेशियों के उपचार में एलोपैथी दवाइयों से तौबा
दीपक परोहा
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जबलपुर। आयुर्वेद एवं हर्बल टॉनिक्स अमूमन एक समय में आम आदमी की पहुंच के बाहर थी जिसको लेकर एक कहावत भी है क्या गधे चमनप्राश खाएंगे? जी हां अब कुछ ऐसी ही स्थिति बन रही है कि गधों का भी चमनप्राश खाने को मिलेगा और गाय -बैल तक हर्बल टॉनिक लेंगे, ये आश्चर्य जनक नहीं है। नाना जी देशमुख कृषि विश्व विद्यालय में मवेशियों के लिए हर्बल टॉनिक एवं मेडीशन निर्माण का प्रोजेक्ट शुरू हो गया है। गाय, बैल , घोड़ा,खच्चर, मुर्गी और बकरी तक के लिए दवाइयों का उत्पादन होगा।
दरअसल एलोपैथी दवाइयां मानव स्वास्थ पर प्रतिकूल असर डालती है, इसके साइड इफैक्ट भी कई बार बेहद खतरनाक और घातक होते है। इसके चलते सामान्य स्वास्थ वर्द्धन के लिए लोग हर्बल औषधी का इस्तेमाल कर रहे है। अनुसंधान में यह सामने आया है कि इंसान की तरह मवेशियों एवं जानवारों को भी एलोपैथी दवाइयों के साइड इफैक्ट होते है। उनके दूध उत्पादन सहित अन्य क्षमताओं में गिरावट आती है। इसको ध्यान में रखते हुए नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय में जानवरों के लिए भी हर्बल मेडिशन तैयार करने की दिशा में कार्य शुरू किया गया है।
सस्ते हर्बल प्रोडक्ट लाएंगे
नाना जी देश मुख पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय गाय बैल सहित अन्य पालतू मवेशियों के लिए सस्ते हार्बल प्रोडक्ट एवं हर्बल मेडिशन लांच करने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट की यहां शुरूआत कर दी गई है, मवेशियों में इसका असर और फायदे पर अनुसंधान कर लिया गया है। इसके बाद एक कंपनी के साथ एमओयू भी साइन किया गया है। इस योजना के तहत विश्व विद्यालय सस्ता कच्चा माल उत्पादन करने के लिए अपनी जमीन में औषधी प्लांट की खेती करने जा रहा है। इसमें अश्व गंधा, सतावर, सफेद मूसली, हल्दी, तुलसी सहित अनेक तरह की औषधी प्लांट की खेती की जाएगी।
अनेक फार्मूले तैयार
जानकारी के अनुसार मवेशियों में होने वाली बीमारियों, पालतू गाय भैंस के दूध की शक्ति एवं गुणवत्ता बढ़ाने के लिए औषधीय प्लांट से दवा एवं टॉनिक तैयार करने के कई फार्मूले पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय ने इजाद कर लिए है। इसी तरह पॉल्ट्री फार्म के लिए ऐसे हर्बल दाने तैयार किए गए है जिससे खाने से मुर्गी जो अंडा देगा उसमें कोलस्ट्राल की मात्रा कम होगी। अंडे और अधिक शक्ति वर्धक होंगे। हर्बल मेडिशन के लिए विश्व विद्यालय द्वारा तैयार फार्मूला फिलहाल गुप्त रखा गया है। दरअसल विश्व विद्यालय अपने फार्मूले को पेटेन्ट कराना चाहता है।
उत्पादन का प्रस्ताव भेजा
वानस्पतिक औषधी पौधे लगाने वाटिका तैयार करने का काम शुरू हो गया है अगले वर्ष तक विश्व विद्यालय मवेशियों के लिए कई तरह की दवाइयां तैयार कर लेगा तथा इससे मवेशियों को उपचार भी प्रारंभ कर दिया जाएगा। शासन को प्रस्ताव तैयार करके भी भेजा जा चुका है।
वर्जन***
मवेशियों को होने वाली कई तरह की बीमारी के उपचार के लिए वनस्पतियों से दवाइयां हम तैयार करने जा रहे है। शक्तिवर्धक दवाइयों से मवेशियों के दुग्ध उत्पादन भी बढ़ेगा। पोल्ट्री एवं गोटरी के लिए मेडिशन तैयार की जाएगी। इन औषधी के बिक्री से विश्व विद्यालय की आय में भी इजाफा होगा।
प्रयाग दत्त जुयाल
कुलपति पशु चिकित्सा विश्व विद्यालय जबलपुर।