Friday, 12 June 2015
मुकुंदपुर
जबलपुर। दुनिया की दुर्लभ नस्ल में शामिल सफेद बाघ का नया घर अब जल्द ही विंध्य क्षेत्र के मुकुंदपुर में बनने जा रहा है। वाइट टाइगर सफारी मुकुंदपुर का काम लगभग कार्य पूर्ण हो गया। वन विभाग के इस बड़े प्रोजेक्ट को सिर्फ चिड़ियाघर प्राधिकरण से अनुमति मिलना भर शेष है और इसके साथ ही वाइट टाइगरों का जहां से उत्पत्ति हुई थी, वहीं उनका गांव बस जाएगा। एशिया के पहले सफेद बाघ जू का शुभारंभ करने के लिए देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के आने की संभावना है।
दुनिया में वाइट टाइगर की दुर्लभ नस्ल सबसे पहले रीवा में पाई गई थी तथा दुनिया के पहले सफेद बाघ मोहन को सीधी वन क्षेत्र में 1951 में रीवा नरेश राजा मार्तंड सिंह ने देखा था और रीवा नरेश के प्रयास से मोहन की संतानें दुनिया के प्रमुख जू की शोभा बनी। मोहन के साथ सफेद बाघों की नस्ल बढ़ी और सफेद बाघ ने रीवा से बाहर का सफर तय किया। वर्तमान में अब अपने उत्पत्ति स्थल में ही वे नहीं है। मध्य प्रदेश शासन ने विंध्य क्षेत्र में सफेद टाइगर की दहाड़ के लिए एक बड़ा प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है।
प्रजजन केन्द्र होगा
दरअसल मुकुंदपुर वाइट टाइगर सफारी अथवा वाइट टाइगर जू के बजाए प्रजजन केन्द्र होगा। इसका विस्तार एवं विकास इस तरह से किया गया है कि वाइट टाइगर की फार्मिंग की जा सके। उनकी वंशवृद्धि की जाए। देश में जिन चिड़ियाघरों में सफेद टाइगर है। उनके पास टाइगर मुकुंदपुर के लिए टाइगर डोनेट करने पत्राचार हो चुका है। एक नर एवं दो मादा टाइगर यहां जल्द ही आ जाएंगे।
टाइगर सिफ्टिंग के लिए प्लान
वन अमला जल्द ही टाइगर सिफ्टिंग के लिए प्लान बना रहा है। हर हाल में पूर्ण सुरक्षित तरीके से टाइगर को यहां लाया जाना है। वन विभाग इस प्रोजेक्ट का जल्द शुरू करने की तैयारी में जुटा है, चूंकि सफेद टाइगर के स्थानांतरण काफी चुनौती पूर्ण होता है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 1979 में सफेद टाइगर दिल्ली स्थानांतरण के बाद अपने घर में नए घर में सामान्य जीवन नहीं जी पाया था और उसकी मौत हो गई थी।
बाड़ा कैसा होना चाहिए
सफेद टाइगर के लिए जो बाड़ा तैयार किए गए है। वे कैसे होने चाहिए, इसके लिए विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई है जो करीब 400 पेज की है। यहां तक उसके बाड़ा में तीनों मौसम के अनुकूल उनके घर की प्राकृतिक वातावरण में तैयार किया गया है। इस जू में सफेद शेर के साथ अन्य वन्य प्राणी भी रखे जाएंगे। हॉल ही में भोपाल में चिडियाघर में सर्प के डंसने से एक सफेद शेर की मौत के बाद इस नई सफारी को चूहों एवं सर्प से मुक्त रखने की भी योजना शामिल की गई है।
इस बैठक में मिलेगी मंजूरी
मुकुंदपुर जू को अभी लायसेंस याने अनुमति पर्यावरण एवं वन मंत्रालय और केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से नहीं मिली है जबकि प्रस्ताव, लेआउट, बाड़ा सहित अन्य सबंधित विस्तृत रिपोर्ट के साथ 2010 को प्रस्ताव भेजा गया था और प्रस्ताव को स्वीकृत होने के बाद प्रोजेक्ट के तहत कार्य पूर्ण कर लिए है। जू अर्थाटी ने दौरान कर संतुष्ट भी हो चुका है। केंद्रीय चिडियाघर प्राधिकरण की अगली बैठक जैसे ही होगी, वैसे ही वाइट सफारी मुकुंदपुर अस्तित्व में आ जाएगा। अगले माह प्राधिकरण की बैठक होने जा रही है।
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment