महिला लठैतों की गुलाबी गैंग जल्द दिखेगी जबलपुर मेेंं
बाहुबलियों, अन्यायी पुरूष समाज के खिलाफ बढ़ाई जाऐगी नारी शक्ति
जबलपुर। महिलाओं पर बढ़ते अत्याचार, सरकारी तंत्र में बढ़ते भ्रष्टाचार के बीच जल्द ही महिलाओं की लठैत गैंग दखल देगी। संस्कारधानी की 200 महिलाएं गुलाबी परिधान में नजर आएंगी और महिला सशक्तीकरण की अलख भी जगाएंगी। गुलाबी गैंग की तैयारी पूरी है और जिस दिन भी इसकी राष्ट्रीय मुखिया संपत पाल देवी यहां आ पहुंची, उसी दिन गैंग काम करना शुरू कर देगी।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के बुन्देल खंड एवं विन्ध्य क्षेत्र में एक दशक से गुलाबी गैंग न सिर्फ नारी शक्ति का प्रतीक बनी हुई है बल्कि समाज को न्याय दिलाने का जरिया भी बन गई है। इन क्षेत्रों के करीब दो दर्जन से अधिक जिलों में गुलाबी गैंग से टक्कर लेने की अत्याचारी या अन्य कोई भी बाहुबली हिम्मत नहीं जुटा पाता है। लाठियों से लैस महिला गैंग की क्षेत्र में जबर्दस्त प्रतिष्ठा स्थापित है। आपसी विवाद सुलझाने से लेकर महिला उत्थान एवं दलित शोषित महिला वर्ग के लिए यह गैंग एनजीओ की तरह कार्य कर रही है। जल्द ही जबलपुर के ग्वारीघाट क्षेत्र में गुलाबी गैंग का गठन होने जा रहा है। इसको लेकर सम्मत पाल के करीबी से बातचीत चल रही है। ग्वारीघाट क्षेत्र निवासी शकुंतला कुंभारे, सरिता पटैल एवं वंदना चौधरी नामक महिलाओं ने 200 से अधिक महिलाओं का संगठन बना लिया है।
कई पुरस्कार भी मिल चुके
गुलाबी गैंग की स्थापना, 4 थी तक पढ़ी बांदा जिले के चित्रकूट रामघाट की 50 वर्षीय सम्पत पाल देवी ने प्रारंभिक तौर पर समाज के अन्यायी पुरूषों से लड़ने के लिए एक छोटे से संगठन के रूप में की थी। सम्पत उर्फ संपतिया बाई की सहयोगी महिलाएं गुलाबी साड़ियां पहना करती थीं, जिसके कारण महिला संगठन का नाम क्षेत्र में गुलाबी गैंग पड़ गया। आज यह गैंग समूचे देश के साथ विदेशों में भी चर्चित है। सम्पत को अनेक पुरूस्कार भी मिल चुके हंै। अब इस गैंग में हजारों की संख्या में महिलाएं मौजूद हैं और बेहद तेजी से नए सदस्य बनते जा रहे हैं। गैंग के कार्यक्रम में गुलाबी साड़ी, गुलाबी बिन्दी, चूड़ियां सहित पूर्ण गुलाबी डेÑस कोड में महिलाएं हाथों में लट्ठ थामें नजर आती है।
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