* मझौली के विष्णु सरोवर को साफ करने चल रहा काम, नगर सुख समृद्धि से जुड़ा है कमल
जबलपुर। दुर्लभ हजार दल के कमल को बचाने के लिए मझौली के नागरिकों ने तालाब को बचाने एक अभियान चलाया है। इस तालाब में जो कमल पाए जाते हैं, वह आसपास के किसी इलाके में नहीं पाए जाते है। किवदंतियों के मुताबिक यहां सहस्त्र दल के कमल खिलते हैं, जो भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है। मझौली स्थित विष्णु सरोवर पुराना नाम नरिया तालाब की सफाई के लिए क्षेत्रीय लोग पिछले 7 दिनों से सघन अभियान चला रहे हैं।
सहस्त्र दल को लेकर किवदंतियां एवं पौराणिक मान्यता है कि जिस तालाब और सरोवर में सहस्त्र दल कमल खिलते है, वहां देव लोक से देवता तथा गंधर्व आदि स्नान करने आते हैं। कहा जाता है कि सुदूर हिमालय स्थित मानसरोवर में सहस्त्र दल कमल पाया जाता है और वही कमल मझौली के इस तालाब में पाए जाते है।
विष्णु बाराह मंदिर में होते हैं अर्पित
यह सच है कि विष्णु सरोवर में वर्षों से प्रतिवर्ष विलक्षण कमल खिलते हैं। इनके दल भी सामान्य कमल से कई गुना अधिक होते है। क्षेत्रीय लोगों का दावा है कि यहां के कमल में एक हजार पंखुडी यानी दल होते है। कहा जाता है कि जैसे कमल इस तालाब में खिलते हैं, वैसे कमल प्रदेश के अन्य किसी सरोवर अथवा तालाब में नहीं मिलते। पुराने बुर्जगों का कहना है कि गर्मियों में ये कमल खिलते है तथा विष्णु वाराह मंदिर में अर्पित होते हैं। अमूमन सामान्य कमल बारिश के बाद खिलते है।
आधे से ज्यादा हो चुकी है सफाई
विष्णु सरोवर के कमल के पौधों की रक्षा के लिए विश्व हिन्दु परिषद के मदन साहू तथा त्यागी आश्रम के नव युवक मंडल के नेतृत्व में सफाई अभियान चल रहा है। पिछले 7 दिनों से क्षेत्र के महिला-पुरूष तथा बच्चे तक तालाब में उतर आए हैं और भरी ठंड में घंटों पानी में रहकर तालाब की चोई हटाने के काम मे जुटे हैं। तालाब की आधे से अधिक चोई हटा ली गई है।
क्या कहते हैं जानकार
वैज्ञानिकों की मानें तो अमूमन अच्छी प्रजाति के कमल में पचास से अधिक दल तक पाए जाते है। इससे अधिक दल वाले कमल को अमूमन लोग सहस्त्र दल का कमल बोल देते हैं। मझौली तालाब में अधिक दल के कमल पाए जाने की खबर मिलती रही है।
वर्जन -2
म्यूटन का परिणाम
सैकड़ो-हजारों साल में कभी कभार जैनेटिक परिवर्तन जीव जन्तु एवं प्लांट में होते हैं। इस परिवर्तन के दौरान अपनी सामान्य प्रकृति से हट कर उत्पत्ति होती है जिसे म्यूटन कहा जाता है। कमल के सरोवर में म्यूटन के प्रभाव से सामान्य से कई गुना अधिक दल वाले कमल हो जाते हैं, जो दुर्लभ होते हैं। कुछ पीढ़ी बाद वे विलुप्त भी होने लगते हैं। इस तरह के कमल को ही सहस्त्र दल कमल कहते हैं।
डॉ. किनजिलक सिंह
कृषि वैज्ञानिक
वर्जन-3
पिछले कई दिनों से स्थानीय नागरिकों द्वारा तालाब के सफाई के लिए अभियान
चलाया जा रहा है। हमारे यहां 1000 पंखुड़ी वाला कमल खिलते है। इस अभियान में तालाब के बाजू से स्थित आदिवासी बस्ती के लोगों का जमकर सहयोग मिल रहा है। यह तालाब भगवान बाराह की जन्म स्थली है।
बाक्स
देश में दुर्लभ कल्चुरी कालीन विष्णु बाराह की दुर्लभ प्रतिमा मझौली में स्थित है। विष्णु बाराह का यह दुर्लभ एवं एतिहासिक मंदिर यहां स्थित है, जो सरोवर से कुछ फासले पर है। किवदंतियां हैं कि मछुआरों को जाल में भगवान विष्णु बाराह की मूर्ति मिली थी, जिसको मंदिर में स्थापित किया गया था लेकिन मूर्ति प्रतिदिन बढ़ती चली गई, अंतत: इसको कीलित किया गया। जिसके बाद इसका बढ़ना रूका है। अब भी देश भर से लोग यहां विष्णु बाराह के दर्शन करने आते है।
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