Friday, 5 February 2016

बहुचर्चित टीपी घोटाला, मामले में बड़ा निर्णय

बहुचर्चित टीपी घोटाला, मामले में बड़ा निर्णय
एडीएम बालाघाट निलम्बित, जल्द होगी गिरफ्तारी
 जबलपुर। जबलपुर कमिश्नर गुलशन बामरा ने बहुचर्चित फर्जी टीपी मामले में बैहर के अपर कलेक्टर एससी परस्ते को निलम्बित कर दिया है।
अपर कलेक्टर के खिलाफ बालाघाट पुलिस ने आदिवासियों की जमीन के पेड़ काट कर खुदबुर्द किए जाने के मामले में 22 प्रकरणों में आरोपी बनाया है। इसके अतिरिक्त सेवानिवृत हुए पूर्व अपर कलेक्टर वीएनएस परते को भी आरोपी बनाया है। फर्जी टीपी घोटाला तथा आदिवासी जमीन से पेड़ कटाई के मामले में अब तक 50 आरोपी गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इसमें 10 आरोपी तो वन विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी हैं।
जानकारी के अनुसार बैहर के लकड़ी कटाई की अनुमति के प्रकरणों में नियम विरुद्ध काम कर शासन को लाखों रुपए की क्षति पहुंचाने का षड्यंत्र करने के आरोप में बैहर के अपर कलेक्टर एससी परस्ते को तत्काल प्रभाव से कमिश्नर ने निलम्बित कर दिया है। निलम्बन अवधि में परस्ते का मुख्यालय कलेक्ट्रेट कार्यालय छिंदवाड़ा में अटैच किया गया है।
कमिश्नर गुलशन बामरा के इस आदेश से बालाघाट के राजस्व अमले में हड़कम्प मच गया है, चंूकि यहां आदिवासियों की करीब एक अरब से अधिक की लकड़ी खुर्दबुर्द करने के मामले में अनेक वन कर्मी तथा राजस्व कर्मी लिप्त है। इसके पूर्व वन विभाग ने भी गिरफ्तार किए गए अपने अधिकारियों को निलम्बित कर चुका है।
जांच कर रही एसआईटी के सूत्रों का कहना है कि अपर कलेक्टर को 22 प्रकरणों में आरोपी बनाया गया है। उनकी गिरफ्तारी जल्द की जानी है।
मालूम हो कि दो सौ अधिक फर्जी टीपी के माध्यम से करोड़ों की लकड़ी खुदबुर्द किए जाने की मामले में जांच में एसआईटी को जानकारी मिली कि आदिवासियों की जमीन में लगे सागौन सहित अनेक कीमती पेड़ों की नियम विरुद्ध तरीके से कटाई की गई। राजस्व विभाग इन कटाई के मामले में लिप्त रहता था। कटाई के बाद प्रकरण जब राजस्व अधिकारी के कोर्ट में आते थे तो वे मामूली जुर्माना कर लकड़ी छोड़ दिया करते थे तथा आदिवासियों की करोड़ों की लकड़ी औने-पौने दाम में लकड़ी माफिया खरीद कर उसे फर्जी टीपी तथा अन्य माध्यम से खुदबुर्द करता था। बैहर में सर्वाधिक मामले ऐसे प्रकाश में आए। एसआईटी ने अब तक 52 प्रकरण बनाए है, जिसमें अपराध दर्ज किया गया है। इन मामलों में नेता, लकड़ी व्यापारी, वन अधिकारी सहित 50 से अधिक लोग गिरफ्तार हो चुके हैं तथा एक सैकड़ा लोग करीब आरोपी बनाए जा रहे हैं।
30 हजार का इनामी गिरफ्तार
इसी फर्जी टीपी मामले में फरार आरोपी दिलीप को गिरफ्तार किया गया है, जिसकी गिरफ्तारी पर 30 हजार का इनाम घोषित था। आरोपी जबलपुर में फरारी काट रहा था।  एसआईटी के मुताबिक मुख्य आरोपी राकेश डहरवार का मुंशी दिलीप पूरे फर्जीवाड़ा में शामिल था। इसी द्वारा फर्जी टीपी बनवाई जाती थी। इसके अलावा बिना टीपी के बैरियर से ट्रक निकलवाने का काम भी दिलीप ही करता था। अवैध कटाई कर बेची गई लकड़ी का हिसाब-किताब भी इसी के पास रहता था। पुलिस को प्रकरण की विवेचना तथा पूछताछ व नए रहस्योद्घाटन के लिए आरोपी की सख्त जरूरत थी, लेकिन वह घटना के बाद से लगातार फरार था। पुलिस ने आरोपी को न्यायालय में पेश करने के बाद पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
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गुलशन बामरा के सख्त निर्णय
हाल ही में गुलशन बामरा ने कमिश्नर रहते हुए दो कड़े कदम विभाग में स्वच्छता एवं सुचिता के लिए लिए हैं। कुछ दिनों पूर्व छिंदवाड़ा के अपर कलेक्टर आलोक श्रीवास्तव को आॅडियो मामले तथा नियम विरुद्ध तरीके से शराब पार्टी कराने के मामले में निलम्बित किया था। इसके बाद फर्जी टीपी मामले में बालाघाट के अपर कलेक्टर एसपी परस्ते को निलम्बित किया जान दूसरा कठोर निर्णय सामने आया है।
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 पुलिस ने आदिवासी वृक्ष संरक्षण अधिनियम 1999 की धारा 9 एवं 11  के उल्लंघन के मामले में अपराध पंजीबद्ध किया है। ऐसे 22 प्रकरणों में अपर कलेक्टर परस्ते को आरोपी बनाया गया है। प्रकरण की जांच के चलते उनका निलम्बन आवश्यक हो गया था।
नीरज सोनी, एएसपी, बालाघाट, प्रभारी एसटीएफ
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-कलेक्टर की रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई
ज्ञात हो कि टीपी घोटाले की मामले में बालाघाट के कलेक्टर वी. किरण गोपाल भी कटघरे में आ गए थे, जिसके चलते शासन ने इस मामले में निष्पक्ष जांच प्रभावित न हो, इसके चलते बालाघाट कलेक्टर को हटाकर सिवनी कलेक्टर भरत यादव की पदस्थापना की थी। कलेक्टर के प्रतिवेदन पर कमिश्नर गुलशन बामरा ने उक्त कार्रवाई की। निलम्बन आदेश के तहत अपर कलेक्टर परस्ते ने धारा अधिनियम के तहत प्राप्त अधिकार के विपरीत जाते हुए षड्यंत्रपूर्वक एवं व्यक्तिगत लाभ के लिए साठगांठ पूर्ण कृत्य किया। इससे एक ओर शासन को करोड़ों रुपए की राजस्व हानि पहुंची है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों का विनष्टीकरण भी हुआ है।
-शासन की छवि धूमिल की
कमिश्नर बामरा का मानना है कि अपर कलेक्टर परस्ते के कृत्य से नक्सल प्रभावित जिले में शासन और प्रशासन की छवि धूमिल हुई है, जिससे जिले के नागरिकों में शासन-प्रशासन के प्रति अविश्वास की भावना भी उत्पन्न हुई है। बामरा ने अपर कलेक्टर परस्ते के इस कृत्य को मध्य प्रदेश सिविल सेवा (आचरण) नियम-1965 के नियम-3 के अंतर्गत घोर कदाचरण का द्योतक है।  मध्य प्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम-1966 के नियम-9 के अंतर्गत उन्हें तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाना चाहिए ।
प्रतिवेदन में क्या था
कलेक्टर बालाघाट के प्रतिवेदन के मुताबिक अपर कलेक्टर एससी परस्ते ने अधिकारिता के बिना तथा सक्षम अधिकारी की अनुमति के बगैर अवैध रूप से संबंधित अधिनियम के अंतर्गत विनिर्दिष्ट जाति के पेड़ों की कटाई के प्रकरणों में नाम मात्र का अर्थदंड आरोपित करते हुए संबंधित व्यक्तियों को लकड़ी वापस करने के आदेश पारित कर शासन को राजस्व हानि पहुंचाई है। इसकी पड़ताल के लिए कमिश्नर द्वारा गठित दल ने भी अपने निरीक्षण में पाया कि अपर कलेक्टर परस्ते द्वारा बिना सक्षम आदेश के मध्य प्रदेश आदिम जातियों का संरक्षण (पेड़ों में हित) अधिनियम-1999 एवं नियम 2000 के प्रावधानों के अंतर्गत धारा 9 की कार्यवाही न करते हुए, अधिनियम के अांर्गत विनिर्दिष्ट जाति के 4 हजार 273 पेड़ों के अवैध कटाई के 34 प्रकरणों में अधिनियम के उल्लंघन में आदेश पारित किए गए तथा शासन को संभावित रूप से 21 करोड़ 46 लाख रुपए की राजस्व हानि पहुंचाई गई है।

रिटायर्ड अपर कलेक्टर
 के खिलाफ होगी  कार्यवाही
 कमिश्नर गुलशन बामरा ने सेवानिवृत्त संयुक्त कलेक्टर एवं तत्कालीन अपर कलेक्टर बैहर वीएनएस परते के विरुद्ध वृक्षों की अवैध कटाई के मामले में अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की है। भेजे गए पत्र में कमिश्नर ने उल्लेख किया है कि परते द्वारा अधिनियम के तहत उन्हें प्रदत्त अधिकारिता के विरूद्ध षडयंत्रपूर्वक एवं व्यक्तिगत लाभ के लिए सांठ-गांठ पूर्ण कृत्य से एक ओर शासन को करोड़ों रूपए की राजस्व हानि पहुंची है वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों का विनष्टीकरण भी हुआ है। श्री बामरा ने मामले की जांच के लिए गठित टीम के द्वारा दी गई रिपोर्ट के मुताबिक श्री परते 46 प्रकरणों में सम्बन्धित अधिनियम का उल्लंघन करते हुए आदेश पारित किए थे।

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