-संगठन के ढांचा में तेजी से बदलाव लाया जा रहा
जबलपुर। साहब के बंगलों में अर्दली का काम और पुलिस के आरक्षक का हमराह बनने वाले होमगार्ड की समाज में एक नई छवि जल्द सामने आएगी। होमगार्ड जहां लोगों को सामाज सेवक के रूप में नजर आएगा तो जांबाज जीवन रक्षक की भूमिका भी निर्वाह करेगा। होमगार्ड को जहां शासन अनेक सुविधाओं में इजाफा किया है, आरक्षक के सामान मानदेय दे रही है तो उससे उसके कार्य में बदलाव की अपेक्षा के साथ उसकी तस्वीर बदल रही है।
होमगार्ड के डीजीपी मैथिलीशरण गुप्त ने एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है, जिसके तहत होमगार्ड सैनिकों से काम लिया जाएगा तथा उनको इस काम के प्रति बाध्य होने के साथ समर्पित किया जाएगा। इन सैनिकों का उच्च कोटी का प्रशिक्षण देकर इस बात का जज्बा पैदा किया जाएगा, वे अपनी जान जोखिम में डालकर भी लोगों की जान की रक्षा करें।
मैथिलीशरण गुप्त ने बताया कि होमगार्ड समाज में जीवन संवर्द्धक, जीवन रक्षक तथा समाज सेवक की भूमिका में नजर आएगा। इसके साथ जीवन रक्षक, जीवन संवर्द्धक एवं समाज सेवा की भूमिका में सभी समाजसेवी संगठनों एवं सकारात्मक गतिविधियों में शामिल होने वाले वॉलेंटेरियों को संगठित कर उसका संचालन भी करेगा।
श्री गुप्त ने बताया कि जल्द ही एक एप लांच किया जा रहा है। इसमें प्रदेश भर में सभी समाज सेवकों को जोड़ा जाएगा। इसमें डॉक्टर, इंजीनियर, कार सेवक एवं नाव, वाहन, भवन आदि समय पर उपलब्ध कराने वाले लोग एवं संसाधनों को शामिल किया जाएगा। इस एप के माध्य में से जिनकी ओर जिसकी जहां जरूरत होगी, वहां उपस्थिति तत्काल सुनिश्चित हो जाएगी। उन्होंने बताया कि करीब 3 लाख स्वयं सेवकों को होमगार्ड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया। अब तक 70 हजार लोग जुड़ चुके हैं। समाज सेवकों में मीडिया के लोगों को भी शामिल किया जाएगा।
समाज सेवा की दिशा
होमगार्ड सैनिकों को समाज सेवा में जोड़ने के लिए उनके द्वारा जल्द ही गांव गांव और मोहल्ले में जाकर स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। स्वच्छता के लिए वे कांक्रीट वर्क करेंगे। इसके अतिरिक्त एक बड़ा बल्ड बैक भी उनके माध्यम से तैयार किया जाएगा जो जरूरतमंदों को खून उपलब्ध करा सके। इसके लिए समय समय पर रक्तदान शिविर लगाया जाएगा। मलेरिया, डेंगू तथा स्वाइन फ्लू के रोकथाम के लिए जागरुकता के साथ ही सक्रिय सहयोग की भूमिका चलाई जाएगी। प्रोढ़ शिक्षा, निराश्रित महिला-पुरुषों एवं ग्रामीणों को रोजगार मुखी प्रशिक्षण भी होमगार्ड सैनिक प्रदान करेगा। जहां होमगार्ड सैनिक समाज सेवक की भूमिका निर्वाह करेगा, वहीं राष्ट्र की समृद्धि के लिए भी कार्य करने जा रहा है। इसके तहत पौधरोपण, कुएं-तालाब, स्टॉप डैम आदि के निर्माण में अपनी भूमिका निर्वाह की जाएगी।
जीवन रक्षक के रूप में
जीवन रक्षक की भूमिका में होमगार्ड सैनिक नए परिवेश एवं पूर्ण दक्षता और कुशलता के रूप में उभर कर आएगा। इसी उद्देश्य से संभाग और फिर जिला स्टर पर एसडीआरएफ का गठन किया गया, जो एनडीआरएफ की तरह कुशल होगा। फिलहाल प्रत्येक संभाग मं 28 जांबाज को एसडीआरएफ में तैनात किया जाएगा। भूकम्प सहित तमाम तरह की प्राकृतिक आपदा तथा अन्य आपदा में रेस्क्यू आॅपरेशन अब पूरी दक्षता के साथ होमगार्ड जलाएगी। इसके लिए उन्हें उन्नत किस्म का प्रशिक्षण दिया जाएगा, उनके पास गैंती-फावड़ा और रस्सा जैसे संसाधन भर नहीं रहेंगे, वरन् अत्याधुनिक ड्रिल मशीनें, कटर सहित तमाम तमाम संसाधन मौजूद होंगे, जो डेजास्टर टीम के पास होने चाहिए। इसके साथी ये तेज गति से अपने काम अंजाम देने में सक्षम होंगे। इसके लिए समूचे ढांचा में बदलाव लाया जा रहा है।
...वर्जन...
डीजीपी के निर्देश पर होमगार्ड संगठन में बदलाव लाने तथा होमगार्ड सैनिकों को नई भूमिका में लाने कार्य शुरू कर दिए गए है। हम प्रति सप्ताह बचाव संबंधी कार्यशाला का आयोजन कर रहे है। रक्तदान शिविर का आयोजन किया जा रहा है। होमगार्ड सैनिकों के साथ करीब 3 हजार वॉलेंटियर यानी गैर शासकीय संगठन के लोगों को जोड़ लिया गया है।
राजेश जैन
डिस्ट्रिक कमांडेंट, जबलपुर
...वर्जन-2...
बहुत जल्द ही होमगार्ड सैनिक की भूमिका समाज में बदली नजर आएगी। उनके लिए सन् 1947 में बने अधिनियम में भी संशोधन कराया जा रहा। प्रस्ताव शासन के पास है। युद्ध स्तर पर ढांचे की कार्यप्रणाली में बदलाव के काम शुरू कर दिए गए हैं।
मैथिलीशरण गुप्त, डीजीपी होमगार्ड
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