Thursday, 11 February 2016

आर्डनेंस फैक्टरी की चिमनी बनी पीसा की मीनार
 तेज हवा के झोंकों में झूल रही बंद कराया गया वॉयलर
जबलपुर। आयुध निर्माणी स्थित फस्ट क्लास वायलर की हालत लम्बे अर्से से जर्जर हैै। करीब 130 फुट उंची इसकी चिमनी लोहे की बनी है जो जंग खाकर बुरी तरह खत गई है। शनिवार को तेज आंधी और बारिश के कारण जब चिमनी झूलने लगी तो फैक्टरी में खलबली बच गई। वायलर में काम काज रूक गया। इसका असर फैक्टरी के कामकाज पर पड़ा है। लम्बे अर्से से प्रस्ताविक चिमनी मरम्मत का काम फैक्टरी प्रबंधन एवं एकाउंट शाखा के बीच तालमेल न होने के कारण हो नहीं पा रहा है। एकाउंट शाखा प्रस्ताव को मंजूरी देखकर मुख्यालय नहीं भिजवा रहा है जिससे फैक्टरी में बड़ा हादसा होने का खतरा मंडरा रहा है। मजदूर यूनियनों ने इसको लेकर रोष जाहिर किया है।
जानकारी के अनुसार आर्डनेंस फैक्टरी में बम बनाने का काम में सर्वाधिक महत्वपूर्ण इकाइयों में वायलर होते है। फैक्टरी में तीन वायलर है जिससे बनने वाली स्टीम से फैक्टरी की सभी भारी भरकम मशीनरी को कम्प्रेशर दिया जाता है। फैक्टरी की 60 प्रतिशत मशीनों को कम्प्रेसर इसी यूनिट से मिलता है। करीब 12 बाय 12 फुट के भीमकाय वायलर की चिमनी लगभग 130 फुट उंची है। फैक्टरी में सभी फीलिंग सैक्शनों में वायलर से मिलने वाले कम्प्रेशर के माध्यम से ही फीलिंग का कार्य चलता है।
शनिवार को झूलने लगी थी चिमनी
सूत्रों की माने तो शनिवार को तेज आंधी और बारिश के चलते चिमनी झूलने लगी थी जिसके कारण उसके गिरने की आशंका के कारण फैक्टरी प्रबंधन ने उसे फिलहाल बंद करवा दिया। इससे फैक्टरी का करीब 60 प्रतिशत उत्पादन प्रभावित हुआ है तथा लेवरों का वर्क भी लगभग ठप्प हो गया है।
चिमनी के बाजू में केटीन
बताया गया कि जहां चिमनी स्थित है उसके ठीक बाजू में फैक्टरी की कैंटीन

है जिसमें रात दिन वर्कर मौजूद रहते है और उनकी संख्या सैकड़ों में होती है। फैक्टरी की केंटीन भी चिमनी के कारण खतरे के निशान पर आ गई है। कर्मियों में इस लावरवाही के कारण जबदस्त रोष व्याप्त है।
कर्मचारी नेता अरूण दुबे, केबी यादव, अनूप गोटिया, अखिलेश पटैल, अमित चौबे, मुकेश विनोदिया, केव्ही चौहान, एसके शर्मा आदि ने निंदा करते हुए शीघ्र चिमनी की शीघ्र मरम्मत करने की व्यवस्था की है।


दो विभागों की जंग का नतीजा
सूत्रों की माने तो आर्डनेंस फैक्टरी प्रबंधन जहां आर्डनेंस बोर्ड के अधीन है जबकि आर्डनेंस फैक्टरी एकाउंट विभाग कलकत्ता स्थित एकाउंट विभाग के अधीन है। आर्डनेंस फैक्टरी प्रबंधन और बोर्ड के अधीन एकाउंट विभाग के कर्मचारी एवं अधिकारी नहीं है जिसके कारण आए दिन वित्तीय मामले को लेकर फैक्टरी प्रबंधन एवं एकाउंट विभाग के अधिकारियों के बीच ठनी रहती है। इसी के चलते पिछले दो माह से फैक्टरी प्रबंधन के चिमनी मरम्मत की फाइल एकाउंट शाखा में लटकी पड़ी है और उसे मुख्यालय नहीं भेजी गई है। इस तहर की खीचतान के शिकार कर्मचारियों को होना पड़ रहा है। यूनियन ने कई बार मांग कर चूकि है कि आर्डनेंस फैक्टरी के एकाउंट विभाग को भी फैक्टरी बोर्ड के अधीन किया जाए। लेकिन वर्तमान व्यवस्था के तहत आर्डनेंस बोर्ड तथा एकाउंट विभाग अलग अलग इकाइयां है तथा उसके उपर नियंत्रण रक्षा मंत्रालय का रहता है।
 

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