-मंत्री से न मिलना महंगा पड़ा
जबलपुर। अपनी तेज कार्यप्रणाली के लिए पहुंच वालों की आंखों की किरकिरी बनी रहने वाली सीईओ नेहा मराव्या का अचानक तबादला कर दिया गया। ऐसा समझा जा रहा है कि प्रभारी मंत्री गौरी शंकर बिसेन के बुलाने पर उनके पास न जाने तथा बाद में मीडिया को खुलकर ये बयान देना कि व्यक्तिगत आमंत्रण पर वे पहुंचने के लिए बाध्य नहीं है। यही उन पर भारी पड़ गया।
जिला पंचायत सीईओ नेहा मराव्या का तबादला दतिया कर दिया गया है। कलेक्टर एसएन रूपला को फैक्स से इसका आदेश मिल गया है। जानकारी के अनुसार 2011 बैच की आईएएस नेहा मराव्या सिंह का तबादला जिला पंचायत सीईओ तथा अपर कलेक्टर विकास दतिया किया गया है। इस आशय का आदेश सामान्य प्रशासन विभाग से कलेक्टर को फैक्स द्वारा भेजा गया है। विदित हो कि क्राइस्ट चर्च स्कूल की मनमानी के खिलाफ नेहा मराव्या ने कड़े निर्णय लिए थे। इसको लेकर भोपाल तक शिक्षा विभाग के आला अफसरों ने उनको समझाने कोशिश की थी, लेकिन वे मामले में अड़ी रहीं। इतना ही नहीं जिला पंचायत के एक प्रभावशाली अधिकारी पर कार्रवाई कर उन्होंने तमाम नौकरशाहों से पंगा ले लिया था। पिछले कुछ अरसे से जिला पंचायत अध्यक्ष मनोरमा पटैल और सीईओ श्रीमती मराव्या के बीच शीतयुद्ध की स्थिति निर्मित हो गई थी। मनोरमा पटैल तथा अन्य जनप्रतिनिधि अपनी अनदेखी से काफी नाखुश थे तथा इसकी शिकायत प्रभारी मंत्री से की गई थी। वहीं मामले का पटाक्षेप करने प्रभारी मंत्री ने नेहा मराव्या को बुलाया भी था, लेकिन उन्होेंने संदेश वाहक को स्पष्ट कह दिया कि वे किसी के व्यक्तिगत रूप से बुलाने पर बाध्य नहीं हूं। विभागीय एवं शासन के स्तर पर बुलाया जाएगा तो वे आएंगी।
सूत्रों का कहना है कि नेहा मराव्या के उक्त वक्तव्य उन पर भारी पड़ गए तथा उनका तबादला दतिया कर दिया गया ।
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