Saturday, 5 December 2015

जबलपुर पुलिसिंग के लिए एक इतिहास रचा है वैद्य ने


सेवानिवृति से पुलिस जबलपुर पुलिस में बड़ी रिक्तता
सीएसपी अनिल वैद्य 30 नवम्बर को 60 वर्ष की आयु पूर्ण होने पर सेवानिवृत हो गए। अपनी सेवानिवृति के आखिरी दिन तक पूरी ऊर्जा, उत्साह और उमंग के साथ काम किया। जबलपुर की पुलिसिंग में इतिहास रचने का जो काम श्री वैद्य ने किया है, उसे जबलपुर के पुलिस लम्बे अरसे तक याद रखेगी।
यूं तो पुलिस विभाग में हर माह सेवानिवृति होती है, पुराने अफसर जाते हैं और नए अफसरों के आने का सिलसिला चलता रहा है, किन्तु कम ही अफसर होते हैं कि जिनकी सेवानिवृति पर रिक्तता नजर आती है। श्री वैद्य ऐसे ही पुलिस अफसरों में शुमार थे।
अनुशासन प्रियता, कर्मठता, मिलनसारिता, अपने से बड़ों का सम्मान एवं सहज व्यक्तिव के कारण लोकप्रियता के आयाम बनाए। इसी वर्ष दीवाली और मुहर्रम पर्व साथ में पड़ा। बरघाट में मुहर्रम पूर्व हुए बवाल के कारण पूरा गृह विभाग तक चिंतित रहा। त्यौहार पूर्व डीजीपी ने शहर का दौरा किया, लेकिन शहर की नब्ज जानने वाले श्री वैद्य के जबलपुर में पदस्थ रहने के कारण डीजीपी भी निश्चिंत होकर गए।
कानून व्यवस्था एवं शांति के लिए  जो मैनेजमेंट की रणनीति पुलिस प्रशासन ने तैयार की, उसके मास्टर प्लानर और कोई नहीं सीएसपी अनिल वैद्य ही थे। आईजी, कलेक्टर एवं एसपी की अगुवाई में सद्भावना कायम करने जो सम्पर्क का दौर चला, उसकी परिणति रही शहर में भाईचारे और सद्भावना की मिसाल बनी। शहर और समाज के लिए हाल में ही गई ये बानगी रही है।
अब तक सेवानिवृत हुए पुलिस अधिकारियों में पहली बार किसी पुलिस अफसर ने दानवीरता दिखाई वह भी एक मील का पहला पत्थर

है। श्री वैद्य ने अपने वृद्धावस्था के मिलने वाले सभी तरह के फंडों का 50 प्रतिशत राशि पुलिस आरक्षकों के बच्चों के कल्याण के लिए दे रहे हैं।
श्री वैद्य की जबलपुर में सब-इंस्पेक्टर रहे, लेकिन वर्ष 1992 से 2000 तक जबलपुर के विभिन्न थानों में रहते हुए जबलपुर में अमन-शांति का माहौल कायम किया, गुंडे-बदमाशों को लगभग खत्म कर दिया। अधारताल, गोहलपुर, कोतवाली, लार्डगंज, गोरखपुर में पदस्थ रहते हुए शहर में बढ़ी हुई वाहन चोरी तथा कट्टा एवं बम बनाने के अपराधियों के कुटीर उद्योगों को खत्म कर डाला। स्मैक और गांजे के मोहल्ले-मोहल्ले फैले कारोबार का अंत किया। इसके लिए जहां विभिन्न थानों की पुलिस के साथ संयुक्त अभियान एवं संयुक्त कार्रवाई करने की परिपाटी डाली और जबलपुर पुलिस में टीम भावना से काम करने का एक नजरिया पेश किया है।
उल्लेखनीय है कि यह सभी बातें 1 दिसंबर को कोतवाली थाना परिसर में हुए, उनके विदाई समारोह में उन्हें जानने वाले पुलिस पुलिस अधिकारियों ने भी खुलकर मंच से कही।
प्रमुख यादगार मामले
* सट्टा किंग चिंरौजी का जुलूस निकाल कर गली-गली फैला अवैध कारोबार आ अंत।
* गोरखपुर में कल्चुरि कालीन करोड़ों रुपए मूल्य की कल्चुरि कालीन प्रतिमाएं पकड़ना।
* मध्य प्रदेश में सर्वाधिक दोपहिया चोरी के बाहन बरामद करने का रिकॉर्ड
* प्रदेश में सर्वाधिक आर्म्स एक्ट के प्रकरण दर्ज करने वाले अधिकारी
* सर्वाधिक विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की कार्रवाई करना
* प्रदेश में होने वाले आधा दर्जन से अधिक गंभीर अपराधों में गठित अपराधों की पतासाजी एवं विवेचना में शामिल किया जाना।

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