Saturday, 5 December 2015

* आदिवासी ने सिर पर बोए जवारे 22.10.15

देश में अमन-चैन और खुशहाली के लिए साधन
* आदिवासी ने सिर पर बोए जवारे
जबलपुर। आदिवासी जिला डिंडौरी में एक आदिवासी किसान ने कठोर शक्ति उपासना देश में अमन-चैन और खुशहाली की कामना से की। उसने देवी प्रतिमा के सामने बैठ कर अपने सिर पर जवारे बोए और पूरे नौ दिन- -रात साधना में लीन रहा। न उसने भोजन किया और न ही नींद ली। ग्राम सुहानी के इस किसान की कठोर व्रत पूर्ण हो गया है। धूमधाम और भक्ति के माहौल में बुधवार दुर्गा नवमीं को जवारा विसर्जन किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सुमाली बरकड़े ने मां दुर्गा की प्रतिमा के सामने साधना करने का निर्णय लिया और सार्वजनिक दुर्गा पंडाल में बैठ गया तथा अपने सिर पर जवारे बोए। बैठकी में जवारे बोने के बाद धीरे धीरे जवारे बढ़ते रहे और साधक उसे सिर सीधा रखकर साधे रहा। इस बीच वह एक पल भी नहीं सोया। देवी प्रतिमा के आगे लगातार भक्ते गाई जाती रही। किसान की इस  साधन से गांव में धर्ममय माहौल बन गया था। माँ दुर्गा की आराधना करने वाले इस किसान का कहना है कि उसके इस कठोर तप से देश में सुख- शांति बनी रहेगी, साथ ही सूखा और अकाल के हालात नही बनेंगे । नवरात्र के अवसर पर किसान के इस कठोर व्रत से गाँव के लोग भी हैरत में आ गए थे। नौ दिन पंडाल में लोगों की भीड़ रही। 

No comments:

Post a Comment