केन्द्रीय जेल भी जुड़ेंगे सभी कोर्ट से
जबलपुर। प्रदेश के जेल जल्द ही प्रदेश की कोर्ट से जुड़ने जा रहे हैं। इसके लिए जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग की व्यवस्था की गई है, किन्तु अभी समस्त जेल को सभी कोर्ट से जोड़ने की प्रक्रिया के तहत सॉफ्टवेयर तैयार करने का काम चल रहा है। आने वाले कुछ महीनों में समस्त जेल और कोर्ट आपस में जुड़ जाएंगे, जिससे बंदियों की पेशी आॅन लाइन कोर्ट में हो जाएगी।
जेल विभाग इस योजना पर करीब एक साल से कार्य कर रहा है। जबलपुर सहित प्रदेश के कुछ केन्द्रीय जेल स्थानीय अदालतों से जुड़ चुके हैं तथा बंदियों की आॅनलाइन पेशी भी प्रारंभ कर दी गई है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस केन्द्रीय जेल तथा जबलपुर जिला अदालत के बीच वीडियो कॉन्फे्रसिंग शुरू हो चुकी है। इसी तरह केन्द्रीय जेल भोपाल सहित स्थानीय कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से बंदिया को पेशी हो रही है। प्रदेश के अन्य कुछ जेल जिला अदालतों से जुड चुके है किन्तु केन्द्रीय जेल को प्रदेश की सभी कोर्ट से जोड़े जाने के कार्य में लगातार विलम्ब हो रहा है। इसकी वजह सॉफ्टवेयर तैयार कर लोड किए जाना मुख्य कारण बनाया जा रहा है। वहीं जेल सूत्रों का कहना है कि अगले कुछ महीनों में सॉफ्टवेयर लोड हो जाएगा। इसका लाभ यह होगा कि यदि भोपाल या अन्य कोर्ट को प्रदेश कि किसी अन्य जेल में बंद बंदी को पेशी पर बुलाना है तो उसे बुलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आॅनलाइन बंदी की पेशी हो जाएगी। उल्लेखनीय है कि जेल तथा कोर्ट के मध्य पेशी के लिए बंदी को लोने ले जाने तथा कोर्ट लॉकअप में रखे जाने के दौरान सैकड़ों अप्रिय घटनाएं हुर्इं, जिसके चलते आॅन लाइन पेशी का निर्णय शासन ने लिया।
केन्द्रीय जेल जबलपुर में प्रतिदिन 25-30 बंदियों की आॅन लाइन पेशी हो रही है। दरअसल निचली कोर्ट में पेशी के दौरान अमूमन भौतिक रूप से
बंदी की उपस्थिति जरूरी नहीं होती है, इस स्थिति में आॅन लाइन ही पेशी होती है, किन्तु जब कोर्ट में बंदी से सवाल-जवाब उसकी उपस्थिति में होना होता है तो कोर्ट में पेश किए जा रहे हैं।
...वर्जन...
जिला कोर्ट तथा केन्द्रीय जेल के बीच वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के काफी सकारात्मक परिणाम आए हैं। बंदी को पेशी पर ले जाने की बड़ी पुलिस बल की रहती है। इस समस्या से काफी हद तक वीडियो कॉन्फ्रेसिंग से निपटा गया है, किन्तु शहर से बाहर बंदियों के पेशी में अब भी ले जाना पड़ता है। जेल विभाग जल्द ही आॅन लाइन प्रदेश के समस्त कोर्ट करने जा रहा है, किन्तु इसमें अभी कुछ विलम्ब लग सकता है।
अखिलेश तोमर, जेल अधीक्षक
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