-फर्जी टीपी मामले में खुल रहे नित नए राज
-राजस्व विभाग के अधिकारियों की साठगांठ में भी हुई जंगल कटाई
-अब तक वन विभाग के 8 अधिकारी-कर्मचारियों सहित 18 गिरफ्तार
जबलपुर। बालाघाट में मात्र दो साल के दौरान वन विभाग के अमले, राजनेता, टिम्बर व्यापारियों और राजस्व अमले की साठगांठ में 100 करोड़ से अधिक की लकड़ी चोरी की गई। फर्जी टीपी की जांच के वन माफिया के किए गए फर्जीवाड़े और वन के कत्लेआम के मामले लगातार परत-दर-परत खुलते जा रहे हैं। इस मामले में आरोपियों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। बालाघाट पुलिस ने टीपी घोटाले में मामले में दो आरोपियों को और पकड़ा है, जिसमें पकड़े गए आरोपियों की संख्या 18 पर पहुंच गई है। इसमें एक रेंजर, दो डिप्टी रेंजर तथा 5 कर्मी गिरफ्तार हो चुके है, जो फिलहाल जेल में है।
पुलिस अधीक्षक बालाघाट गौरव तिवारी ने बताया कि इस प्रकरण में अब 23 आरोपी नामजद हो गए हैं। दो रेंजर तथा एक टिम्बर व्यापारी की सरगर्मी से तलाश की जा रही है। उनके पकडेÞ जाने पर वनोपज चोरी के मामले में और नए रहस्य खुल सकते हैं।
चोरी की लकड़ी के लिए
पुलिस ने इस मामले के लिए विशेष जांच दल गठित किया है, जिसने सैकड़ों की संख्या में जहां टीपी जब्त की थी। वहीं छत्तीसगढ़ में जगदलपुर से चोरी की लकड़ी खरीद कर खुर्दबुर्द करने वाले एक बड़े व्यापारी को पकड़ा था। उसके बाद से लगातार आरोपियों के पकड़े जाने का सिलसिला अब तक जारी है।
25 मामले जंगल कटाई के
वन माफिया इस टीपी माध्यम से जंगल से काटे गए हरे-भरे पेड़ों की तस्करी करते रहे हैं और वन अमला मूकदर्शक बनकर उसमें हिस्सेदारी करता रहा है। बीते 18 महीने के दरमियान 5000 पेड़ों की कटाई का नया मामला सामने आया है। इसमें पुलिस ने 25 प्रकरण दर्ज कर चुकी है। इस मामले की जांच भी प्रारंभ कर दी गई है।
पुलिस कार्रवाई से हड़कंप
टीपी घोटाले के साथ वनोपज चोरी का मामला अब वन कटाई के मामले में तब्दील होने से वन विभाग के साथ राजस्व विभाग में भी हड़कंप मच गया है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि वन माफिया ने सिर्फ वन क्षेत्र ही के जंगल नहीं, बल्कि राजस्व क्षेत्र के जंगलों में भी धड़ल्ले से पेड़ काटे हैं। इस तरह मात्र दो साल के अंतराल में 100 करोड़ से अधिक के पेड़ कटे हैं।
ये सिलसिला 4 साल चला
सूत्रों का कहना है कि पुलिस के पास मात्र दो साल तक पेड़ काटे जाने के सबूत एवं जानकारी हाथ लगी है, जबकि वन विभाग एवं राजस्व विभाग की साठगांठ से अवैध कारोबार चार साल तक लगातार चला है। यदि मामले की जांच गंभीरता एवं पूरी इमानदारी से चली तो दो सौ करोड़ तक की लकड़ी चोरी सामने आती है तो आश्चर्य नहीं होगा।
राजस्व विभाग भी घेरे में
लकड़ी कटाई की जांच-पड़ताल शुरू होने से राजस्व विभाग के कई नायब तहसीलदार एवं तहसीलदार एवं आरआई जांच के दायरे में आने के साथ ही मामले में आरोपी बनाए जा सकते है। इस जांच के शुरू होने से वन विभाग के साथ राजस्व विभाग में भी हड़कंप मचा है। अधिकारी अपने आकाओं से मामले को दबाने के लिए एड़ीचोटी का जोर लगा रहे है तथा पुलिस पर बेगुनाहों को फंसाने का आरोप लगाकर मामले को प्रभावित करने भी कोशिशें शुरू हो गई हैं।
चालक गिरफ्तार
वन उपज चोरी के मामले में पुलिस ने एक आरोपी के ड्राइवर पीरू खान और संतोष केलकर को गिरफ्तार किया है। उनसे सघन पूछताछ की जा रही है। आरोपी राकेश की चोरी की वनोपज को ट्रक से सप्लाई करते थे। इनसे पुलिस लकड़ी कहां-कहां खुदबुर्द की गई, इसकी जानकारी ले रही है।
...वर्जन...
पुलिस टीपी घोटाले के साथ अब पेड़ों की अवैध कटाई के मामले की भी जांच शुरू कर दी है। जल्द ही प्रकरण में कुछ नए आरोपी सामने आ सकते है।
Ñ-गौरव तिवारी, एसपी, बालाघाट