Wednesday, 6 January 2016

पुलिस वालों को नशे से रखो दूर


* पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य के प्रति मुख्यालय चिंतित
* पीएचक्यू से पुलिस अधीक्षकों को सर्कुलर जारी
जबलपुर। पंजाब पुलिस अपनी फोर्स में जहां नशे के आदी पुलिस जवानों से लड़ रही है, वहीं मध्य प्रदेश पुलिस फोर्स मे भी तेजी से नए पुलिस कर्मियों की भर्ती हो रही है। इसमें से कई पुलिस कर्मी ऐसे भी भर्ती हो रहे हैं, जो नशे के आदी रहे हैं। इधर, पुलिस विभाग में आए दिन पुलिस कर्मियों को नशे में धुत पाए जाने के मामले सामने आए हैं। यह हालत प्रदेश के सभी जिलों में बनी हुई है। नशा पुलिस फोर्स के स्वास्थ्य खराब
कर सकता है।
दरअसल, पुलिस के पास काम की अधिकता एवं स्टाफ की कमी दो ऐसे ड्रॉबैक हैं, जिसके कारण तनावग्रस्त पुलिस कर्मी बेहद आसानी से नशे का आदी हो सकता है। उनके स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन को ध्यान में रखते हुए पुलिस मुख्यालय इस दिशा में काम कर रहा है। पुलिस कर्मी नशे से दूर रहें, इस उद्ेश्य को भी ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य एवं तनाव प्रबंधन को लेकर नियमित शिविर एवं कार्यशाला के आयोजन के निर्देश पुलिस अधीक्षकों को दिए गए हैं।
बताया गया कि पुलिस कर्मियों को स्वास्थ्य को लेकर एक सर्कुलर भी पुलिस मुख्यालय से प्रदेश के समस्त पुलिस अधीक्षकों को जारी किया गया। इसके तहत पुलिस कर्मियों एवं उनके परिवार का प्रतिमाह स्वास्थ्य परीक्षण कराने तथा उनको तनाव प्रबंधन को लेकर प्रशिक्षण एवं कार्यशाला संचालित करने के निर्देश दिए हैं।
ये बीमारियां हैं पुलिस वालों को
जानकारी के अनुसार 40-50 वर्ष के आयु के अमूमन 40 प्रतिशत से अधिक पुलिस कर्मियों को शुगर, ब्लड प्रेशर, हाइपर टेंशन तथा हृदय रोग की शिकायतें पाई गई हैं। बड़ी संख्या में पुलिस कर्मी शराब पीने के आदी होने की जानकारी पुलिस अधिकारियों के पास है, लेकिन अब तक इस दिशा में किसी तरह के सर्वे नहीं हुई। अलबत्ता पुलिस मुख्यालय का मुख्य उद्देश्य है कि पुलिस कर्मी स्वस्थ्य रहे, तभी फोर्स स्वस्थ रहेगी।
अधिकारियों को विशेष निर्देश
पुलिस मुख्यालय द्वारा पुलिस कर्मियों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता जाहिर करते हुए पत्र जारी किए गए हैं, जिसमें कहा गया कि पुलिस अधीक्षक तथा आईजी इसका ध्यान रखें कि कोई पुलिस कर्मी नशे की हालत में तो नहीं है।
...वर्जन...
पुलिसवालों के स्वास्थ्य का ध्यान रखा जा रहा है। पुलिस स्वास्थ्य परीक्षण श्वििर का भी आयोजन किया जाता है। इसके साथ ही पुलिस में जागरुकता तथा तनाव प्रबंंधन के लिए  कार्य किए जा रहे है।
डॉ. आशीष,
पुलिस अधीक्षक, जबलपुर

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