Wednesday, 6 January 2016

उत्तर प्रदेश से आ रहे आॅक्सीटोन इंजेक्शन



-आॅक्सीटोन का खुल कर उपयोग हो रहा डेयरियों में
-प्रतिबंध के बावजूद कार्रवाई नहीं, अवैध फैक्टरियां तैयार कर रही ड्रग
जबलपुर। प्रतिबंधित आॅक्सीटोन इंजेक्शन की बड़ी और अवैध खेप उत्तर प्रदेश से प्रदेश में पहुंच रही है। अवैध इंजेक्शनों की मंडी इन दिनों कटनी बना हुआ है, जहां से छत्तीसगढ़ तक आॅक्सीटोन इंजेक्शन की सप्लाई हो रही है। डेयरियों में घातक अवैध इंजेक्श्न धड़ल्ले से मवेशियों को लगाए जा रहे है, जिसका घातक असर मनुष्यों पर भी पड़ रहा है।
उल्लेखनीय है इस इंजेक्शन को राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान की सिफारिश के बाद केन्द्र शासन द्वारा जुलाई 1996 में इंजेक्शन को प्रतिबंधित कर दिया गया है, लेकिन इसके बावजूद पूरे प्रदेश में धड़ल्ले से उपयोग हो रहा है तथा शासन-प्रशासन को कार्रवाई करने में कोई रुचि नहीं है, जबकि इसके घातक असर सर्व विदित है।
अनुसंधान में यह स्पष्ट हो चुका है कि पशुओं से अधिक दूध लेने के लिए आॅक्सीटोन हारमोन का प्रयोग पशु तथा मानव दोनों के लिए खतरनाक है। जहां लगातार इंजेक्शन देने से पशु आॅक्सीटोसिन का लती हो जाता है दूसरी तरफ उसके दूध में खतरनाक तत्वों की मात्रा के साथ आॅक्सीटोन की मात्रा आने लगती है। यही दूध जब मनुष्य उपयोग करता है तो उसके शरीर में आॅक्सीटोन की मात्रा बढ़ जाती है। ये आॅक्सीटोन मनुष्य का हार्मोन्स संतुलन बिगाड़ देता है। दूध के उपयोग से महिलाओं में बार-बार गर्भपात और स्तन कैंसर होना, लड़कियों का उम्र से पहले ही वयस्क होना, बच्चों की आंखें कमजोर होना और फेफड़ों व मस्तिष्क पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है दूसरी तरफ पुरुष के लिए भी घातक असरकारक होता है। वैज्ञानिकों की माने तो हार्मोन्स संतुलन बिगड़ने डिप्रेशन, हाइपर टेंशन, मोटापा, ब्लड प्रेशर, शुगर और हृदय रोग जैसी घातक बीमारियां समय पूर्व घेरने लगी हैं।
प्रशासन बेखबर
डेयरी फॉर्म संचालक अधिक आय की लालच में आदमी के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, दूसरी तरफ प्रशासन बेखबर बना है। ये इंजेक्शन प्रतिबंध होने के बाद प्रदेश में कुछ साल पहले व्यापक पैमाने में अभियान चलाया गया, लेकिन अब स्थिति पहले से भी बदतर हो गई है।
अवैध फैक्टरियों में हो रहा उत्पादन
आॅक्सीटोन इंजेक्शन प्रतिबंधित होने के बाद इसका डेयरी फॉर्मों के लिए अवैध फैक्टरी इंजेक्शन का उत्पादन कर रही है। इन इंजेक्शन को तैयार करने में चिकित्सा संबंधी तमाम निर्देश एवं नियमों को दरकिनार किया जा रहा है। दरअसल मवेशियों के लिए तैयार इंजेक्शन और अधिक घातक अवैध फैक्टरियों में तैयार होने के कारण खतरनाक को चुके हैं। सूत्रों की मानें तो उत्तर प्रदेश में चलने वाली अनेक फैक्टरियों से आॅक्सीटोन आ रहा है। कटनी जिला इन अवैध इंजेक्शनों की मंडी बनी हुई है। डेयरियों के लिए बोरियों में पैकिंग आ रही है। इन अवैध इंजेक्शन की कीमत 5 से 10 रुपए तक ही मात्र रहती है।
...वर्जन...
आॅॅक्सीटोन इंजेक्शन का डेयरियों में उपयोग किए जाने की काफी अरसे से शिकायत नहीं मिली है, किन्तु यदि ऐसा है कि डेयरियों में आॅक्सीटोन इंजेक्शन का उपयोग हो रहा है तो इसकी जांच करवाई जाएगी।
शिवनारायण रूपला,
कलेक्टर, जबलपुर




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