जबलपुर। बढ़ते हुए जनसंख्या दबाव के कारण संसाधनों का बोझ बढ़ा है, ऐसे में परिवार नियोजन७ठŽ७ठज़् @ज्ज् कार्यक्रम की महत्व को दुनिया स्वीकार कर रही है लेकिन आश्चर्यजनक पहलू यह भी है कि इस कार्यक्रम को पुरूषवर्ग ने लगभग नकार दिया है। मध्य प्रदेश में जो शासकीय आंकड़े परिवार नियोजन में आए है, वह महिलाओं की बदौलत आए है। जबलपुर में महिला नसबंदी करा रही है लेकिन महिलाओं की नशबंदी की तुलना में प बदौलत आए है। महिला नसबंदी करा रही है लेकिन महिलाओं की नशबंदी की तुलना में पुरूष नसबंदी का प्रतिशत 10 प्रतिशत भी कम है।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के संचालन में पुरूषों में व्याप्त भ्रांतियां तोड़ने में हैल्थ वर्क स एवं आफिसर लग भग फेल हो गए है। नशबंदी कराने को पुरूष अपने पौरूषत्व पर प्रहार मानता है।जिन पुरूषों ने नशबंदी कराई भी है तो वे भी अपने यार दोस्तों के साथ गर्व से नहीं कह पाते हैं कि उन्होंने नसबंदी कराई है।
एक सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस महिलाएं काफी आगे है। वे अपनी एटीटी आॅपरेशन होने से बताने में हिचक नहीं महसूस करती है और नही उन्हें इसमें संकोच रहता है। इतना ही नहीं विभिन्न शासकीय योजनाओं का लाभ लेने के लिए महिलाएं नसबंदी कराने में आगे है।
जबलपुर में हुए नशबंदी के आंकड़ों को देखा जाए तो यहां यहां पिछले 5 साल में 91 हजार परिवार नियोजन कार्यक्रम के तहत आॅपरेशन हुए है। ये आपरेशन करने वालों में 89 हजार महिलाएं है।
यही हाल हर जगह
जानकारों की माने तो मध्य प्रदेश ही नहीं देश के हर राज्य में यही हालत है। पुरूष नशबंदी का मध्यप्रदेश में 5 प्रतिशत से भी कम हो रही है। परिवार
नियोजन कार्यक्रम सिर्फ ट्यूबेक्टमी से चल रहा है जबकि बसेक्टमी(पुरूष नसबंदी) न के बराबर हो रहे हैं।
वर्जन
परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरूषों की भागीदारी न के बराबर है। पुरूष य् बराबर है। पुरूष यदि परिवार नियोजन के लिए आॅपरेशन कराता है तो किसी तरह की कोई परेशानी वाली बात नहीं होती है।
डॉ- विनोद कुमार
कार्यक्रम अधिकारी
जिले में तुलनात्मक स्थिति
वर्ष पुरूष महिला कुल
2011- 5222 -22010 - 22532
2012 719 -23864 24583
2013 241 -13711 13952
2014 241 15048 1590
जारी वर्ष 175 14459 14634
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