Wednesday, 30 September 2015

ऐसे बची रागनी की जान


करीब विगत माह रागनी जैन (काल्पनिक नाम)  आत्महत्या करने घर से निकली और इस दौरान उसने अपने पति को मोबाइल पर सूचना थी कि मै मरने जा रही हूं। महिला काफी अवसाद में थी यह बात उसने पति भी जानते थे। इस दौरान वे कटनी में थे। संयोग से उन्हें संजीवनी हैल्प लाइन का ध्यान आया और तत्काल ही उन्होंने मोबाइल किया। हैल्पाइन से सूचना तत्कालीन एसएसपी ईशा पंत को दी गई। उन्होंने मदन महल पुलिस को महिला को तलाश कर उसे बचाने निर्देश दिए। आधे घंटे के भीतर रागनी को खोज निकाला गया और उसकी जान बचा ली गई।
तिलवार से छलांग लगाई
 छात्रा अनिता (काल्पनिक नाम) का अपने बॉय फ्रेड से विवाद हो गया और वह गुस्से में तिलवारा पुल से छलांग लगाने के लिए निकल गई। इस बीच उसने अपने परिचित को मोबाइल कर आत्महत्या करने करने जाने की जानकारी दी। उसने तत्काल पुलिस एवं हैल्प लाइन में सूचना दी। तिलवारा पुल पर पुलिस ने नाविकों को संजीवनी अभियान में जोड़ रखा है और युवती तिलवारा पुल से छलांग लगाने पर तत्काल ही उसे नदी से निकाल लिया गया  और मेडिकल कालेज अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां जान बच गई।
राजू को घर भेजा गया
तिलवारा पुल से कूद कर खुदकुशी करने राजू नामक ग्रामीण युवक पहुंचा था लेकिन वहां उसकी मनोदशा देखकर ड्यूटी में तैनात पुलिस वाले ने रोक कर पूछताछ की तथा उसे समझाइश दी जिससे उसने आत्महत्या का इरादा टाल दिया। इस तरह से करीब डेढ़ दर्जन लोगो की जाने संजीवनी हैल्प लाइन द्वारा बचाई जा चुकी है।
देश में अब्बल था शहर
तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हरिनारायण चारी मिश्रा जो वर्तमान में ग्वालियर पुलिस अधीक्षक है का कहना है कि जबलपुर शहर में जनसंख्या के तुलनात्मक आत्महत्या की दर प्रदेश ही नहीं देश में नम्बर वन पर रही है। लगातार 5 साल आत्महत्या में नम्बर वन पर रहा है। संजीवनी अभियान के तहत लोगों में जागरूकता लाने सेमीनार आदि किए गए। सुसाइडल पाइंटों में बोर्ड आदि लगाए गए। वालेंटियर तैनात किए गए जिससे आत्महत्या की घटनाएं रूकी और प्रदेश में तीसरे स्थान पर 2014 को पहुंच गया था, यहां संजीवनी अभियान चलने की जरूरत हैे।जबलपुर में  वर्ष ं2012 में 572 लोगों ने आत्महत्या की।2013  में 577 लोगों ने खुदकुशी की जबकि 2014 में 470  मामले ही हुए है।
वर्जन
संजीवनी हैल्प लाइन को और गति प्रदान की जाएगी। सभी थानों को निर्देश है कि आत्महत्या संबंधी सूचना मिलने पर तत्काल कार्रवाई कर बचाव के प्रयास करें.
जीपी पराशर
एएसपी जबलपुर
आत्महत्याओं के मामले
वर्ष 2012
भोपाल -377
इंदौर -476
जबलपुर -572
ग्वालियर
जबलपुर -572
ग्वालियर - 287
वर्ष 2013
भोपाल - 560
इंदौर - 698
जबलपुर - 577
ग्वालियर - 299
वर्ष 2014

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