Wednesday, 30 September 2015

विलम्ब पक्षकार के साथ अन्याय: मणिन्द्र सिंह



 किसी प्रकरण के निराकरण के लिए  पक्षकार आता है और उसके निर्णय में विलम्ब करना पक्षकार के साथ अन्याय की तरह है। यह कहना है  गोहलपुर संभाग जबलपुर के कार्यपालन दण्डाधिकारी  एवं तहसीलदार मणिन्द्र सिंह का। श्री सिंह सन 1994 के राजस्व  अधिकारी है।  जबलपुर में पदस्थाना के पूर्व गोहशंगाबाद,कटनी तथा मंडला जिले में पदस्थ रह चुके है। उनका कार्य शैली की विशेषता है कि वे त्वरित और समय पर निर्णय लेते हैं। मणिन्द्र सिंह से पीपुल्स संवाददाता दीपक परोहा की बातचीत के अंश-
प्रश्न- बड़े जिले और छोटे जिलों में काम में क्या अंतर महसूस करतें है,आप?

जवाब-  मेरी पदस्थापना छोटे जिले में भी रही है ओर जबलपुर जैसे छोटे जिले में भी हुई है। बड़ी जगह पर मामले ज्यादा होते है तथा वर्क लोड ज्यादा रहता है। लॉ एण्ड आर्डर की समस्या भी ज्यादा उत्पन्न होती है जिससे फील्ड में जाना पड़ता है।
प्रश्न- शहर में काम की अधिकता रहती है जिससे मामले में लंबित रहते होंगे, ऐसे में  क्या करते हैं?
जवाब - मेरा प्रयास रहा है, उसी दिन का मामला उसी दिन निपटाया जाए  किन्तु कोर्ट के मामले की सुनवाई कोर्ट में ही करनी पड़ती है जिसके कारण  नामांतरण आदि के अनेक मामले लंबित हो गए है। इसके निपटाने के लिए प्रति शनिवार सुबह से लेकर शाम 5 बजे तक कोर्ट लगाई जा रही है जिसमें तमाम लंबित मामलों को निराकरण किया जा रहा है।
प्रश्न - क्या नया करना चाहते हैं ?
जवाब- जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के तहत कई काम कर रही है , जिसमें मै अपना पूर्ण सहयोग कर रहा हूं।
 प्रश्न - एक अच्छे अधिकारी के क्या गुण होने चाहिए, और आप स्वयं को उस कसौटी में कसा महसूस करते हैं अथवा नहंी?
जवाब- एक अच्छे अधिकारी को पक्षकार की बात अच्छे से सुनने और समझने की जरूरत है। इसी तहर कोई पीड़ित यदि आता है तो उसको पूरे ध्यान से सुनने पर उसकी आधी समस्या का समाधान हो जाता है। अधिकारी को समस्या सुनने के बाद पूरी सूझबूझ से मामले में जल्द निर्णय लेते हुए उसका निराकरण करना चाहिए। अनुशासन एवं इमानदारी प्रशासनिक अधिकारी में होना चाहिए। इन गुणों को अपनी कार्यप्रणाली में उतारने मेरी हमेशा कोशिश रहती है।

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