Sunday, 20 September 2015

1 बंदी के फरार होने से बंदियों की बढ़ी मुसीबत



जबलपुर।  केन्द्रीय जेल के दो बंदियों  के कारण प्रदेश भर के जेले के हजारों बंदियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उनकी पैरोल पर जाना आसान नहीं रह गया है।  दरअसल पैरोल पर छोड़े गए केन्द्रीय जेल जबलपुर का एक बंदी छूटने के बाद से फरार है। केद्रीय जेल जबलपुर से पैरोल पर छूटे दो बंदी फरार थे जिसमें से एक तो कुछ दिनों बाद लौट आया जबकि दूसरा बंदी आज तक नहंी लौटा है।
  जेल सूत्रों के मुताबिक लम्बी सजा काट रहे बंदियों को साल भर में करीब 48 दिन की छुट्टी मिलती है। वर्ष में एक  बार बंदी अपनी छुट्टी लेकर कुछ दिन अपने घर में बिता सकते है। पहली पैरोल बंदी को जिला दण्डाधिकारी देता है यदि बंदी जबलपुर जेल का है तो उसको पैरोल की अनुमति अन्य जिले के डीएम द्वारा प्रदान की जाती है। जेल पैरोल का प्रकरण बनाकर डीएम के पास भेजता है। डीएम तत्सबंध में बंदी की गोपनीय चारित्रिक जानकारी संबंधि पुलिस स्टेशन से बुलवाता है जिसके अधार पर पैरोल की मंजूरी ही जाती है। यदि बंदी को डीमए पैरोल मंजूर नहीं करता है तो डीजीपी जेल के पास अपील का अधिकार होता है। जबलपुर जेल के दो बंदी के भागने के कारण इन दिनों केन्द्रीय जेल जबलपुर में बंदियों को पैरोल पर जाने कड़ी पड़ताल का सामना करना पड़ रहा है।
बंदियों को मिल रहा पैरोल
पैरोल में घर जाकर फरार होने वाले बंदियों के मामले बेहद कम है जिसके  कारण शासन  फिलन  पैरोल पर भेज रही है। यूं भी उन्हीं बंदियों को पैरोल पर छोड़ा जाता है जिनके भागने की संभावना शून्य होती है। जेल मुख्यालय भोपाल के मुताबिक इस वर्ष पैरोल पर छूटे बंदियों में से दो बंदी ही फरार हुए है।
बंदी फरार होने से सख्ती
प्रशासन भी बंदियों को पैरोल में छोड़ने के मामले में बेहद सख्त जांच पड़ताल करवा रहा है चूंकि जबलपुर केन्द्रीय जेल से  दो बंदी के भागने के बाद पूरा जेल प्रशासन एवं शासन सजग हो गया है। जेल सूत्रों पैरोल पर भेजे जाने के मामले में सख्ती बढ़ी हुई है जिसके चलते अनेक  बंदी पैरोल से वंचति है फिर भी प्रतिवर्ष प्रदेश भर से हजारों बंदी पैरोल पर छोड़े जा रहे है।

जमानत दार पर कार्रवाई
केन्द्रीय जेल जबलपुर के अधीक्षक अखिलेश तोमर ने बताया कि पैरोल पर छूटे दो बंदियों के लौट कर नहीं आने पर पुलिस थाने में एफआई दर्ज कराई गई है।  जबलपुर से फरार  दो बंदियों में एक बंदी लौट आया जबकि हत्या का फरार आरोपी शमीम उर्फ शानू को गत 18 जनवरी को पैरोल पर छोड़ा गया था जो अवधि पूरी होने के बाद नहीं लौटा है। पैरोल पर बंदी छोड़े जाने की प्रक्रिया में जमानदार भी रखा जाता है। यदि बंदी फरार होता है तो जमानतदार पर भी कार्रवाई की जाती है। वर्तमान में केन्द्रीय जेल जबलपुर को एक ही पैरोल से फरार बंदी की तलाश है।
वर्जन
प्रदेश भर में मात्र दो बंदी ही पैरोल पर छूटने के बाद इस वर्ष फरार हुए है जिसमें से एक केन्द्रीय जेल जबलपुर का है।
आरएस विजयवर्गीस
डीआईजी जेल
मध्यप्रदेश

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