मौसम की आफत से किसानों को खून के आंशू रूलाया
जबलपुर। वर्ष 2015 बीत गया है। इस वर्ष ने गहरी स्मृतियां छोड़ गया है। कहीं खट्टे मीठे अनुभव भी इस वर्ष हुए है। वर्षान्त में डुमना विमानतल की लायसेंस निलम्बित होने से शहर के सभी वर्गो को विचलित किया है। वर्ष 2015 में जहां मंदी का साल भरी बाजार में जोरदार असर रहा। रियल स्टेट के कारोबार में गिरावट आई। अनेक लोगों ने रियल स्टेट के कारोबार से अपने पूजी निवेश बंद कर दिया। सोने के दाम साल में अनेक बार नीचे आए। कारोबारी के लिए वर्ष 2015 संशय से भरा रहा है तो किसान पर मौसम आफत बरस कर टूटी। भीषण ठंड में ओला पाला ने किसानों की एक फसल चौपट की तो दूसरी फसल पर अल्प वर्षा का कहर बरपा।
वर्ष 2015 बिदा होने के साथ गहरी स्मृतियां भी अपने साथ छोड़ कर जा रहा है। व्यापम के छलावे का दंश युवाओं के मनो में गहरा बैठा। कांगे्रस ने इस मामले को लेकर विरोध की राजनीति जोरदार तरीके से की। वर्ष में कई बार बड़े आंदोलन किए। कांग्रेस अध्यक्ष अरूण यादव एवं नेता प्रतिपक्ष का आगमन हुआ।
जान के खतरे को खौफ
मेडीकल कालेज के डीन अरूण शर्मा की मौत का दंश शहर को झेलना पड़ा। इस मामले को व्यापमं से जोड़ा गया। आईएमए के चुनाव में डॉ सुधीर तिवारी दूसरी बार अध्यक्ष चुने गए लेकिन इसके पूर्व उन्होंने लेजर गन से पूर्व डीन डॉ डीके साकल्ये की हत्या करने का सनसनीखेज बयान देकर तथा स्वयं की जान का खतरा होने की आशंका जाहिर कर अनेक सवाल खड़े कर दिए जो वर्षांत तक अनुत्तरित रहे।
विकास के द्वारा खुले
वर्षो से कछुआगति से गेज परिवर्तन के काम को अचानक गति प्रदान की गई। इसके चलते नेरोगेज ट्रेनों को बंद करने का सिलसिला शुरू हुआ। जबलपुर से बालाघाट चलने वाली सतपुला एक्सप्रेस बंद हो गई। हाउबाग स्टेशन बंद हो गया। हाउबाग से ग्वारीघाट तक रेलवे लाइन और उसकी जगह खाली पड़ी है। इस जगह को लेरक नगर निगम ओर पमरे की अपनी योजनाएं है। लेकिन इस वर्ष इसपर कोई फैसला नहीं हो पाया अबलत्ता अनेक योजनाओं पर चर्चाएं जरूर खड़ी हुई। बहरहाल ब्राडगेज परिवर्तन के साथ महाकौशल क्षेत्र में तेजी से विकास की संभावनाओं के द्वार खुले है। अब देखना ये है कि स्थानीय जनप्रतिनिधि इसके विकास के लिए क्या करते है।
मुख्य न्यायधीश की कोर्ट का बहिष्कार
अदालतो में अधिवक्ताओं के अांंदोलन तो यूं तो अनेक मोके पर हुए लेकिन पहली दफा इतिहास में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश की कोर्ट का बहिष्कार किया गया। इतना ही नही पहली बार महाधिवक्ता कार्यालय में तालाबंदी की गई।
पृथक रेवा खंड की मांग
वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनी त्रिवेदी ने शहर में वैचारिक क्रांति की शुरूआत करते हुए। महाकौशल, विन्ध्याचल और बुन्देलखंड क्षेत्र की भौगोलिक एकता की बात सामने रखते हुए । पृथक रेवाखंड राज्य की मांग के लिए संघर्ष के लिए जय रेवा खंड की स्थाना की। इस संस्था के मंच तले पृथक रेवा खंड राज्य की मांग की अलग जगाने की शुरूआत हो गई है। महाकौशल सहित उससे जुडे इलाकों की नैसर्गिग सम्पदा पर क्षेत्र के हक की मांग को लेकर पृथक रेवा खंड राज्य की मांग रखी गई है।
साई भक्तों का मामला गर्माया
जहां शहर में कानून व्यवस्था पर पुलिस प्रशासन की अच्छी पकड़ बनी रही। नवरात्र दशहरा एवं मोहर्रम लगभग एक तिथि में पड़ने पर साम्प्रदायिक माहौल बिगड़ने की आशंका को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने धार्मिक गुरूओं , समाजसेवी संस्थाओं सहित सभी वर्ग को भरोसे में लेकर त्यौहार शांतिपूर्ण सम्पन्न कराया। वहंी सिवनी जिले में उपजे तनाव की आंच से जबलपुर को महफूंज रखा गया। इसके साथ ही साई भक्तों और सनातन परम्परा को लेकर वैचारिक विवाद जरूर खड़े हुए लेकिन इसमें हिंसक पुट का कोई स्थान नहीं रहा।
नए उद्योग नहीं लगे
जबलपुर शहर की सांसद राकेश सिह सहित स्वयं मुख्यमंत्री ने मार्केटिंग की लेकिन जबलपुर में कोई बड़ा उद्योग नहंी लग पाया। अलबत्ता आईटी कलस्टर की स्थापना के लिए बरगी हिल्स में अधोसंरचना का विकास कार्य प्रारंभ किया गया है लेकिन इसकी गति बेहद मंद है। केन्द्र सरकार द्वारा जहां रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में विदेश पूंजी निवेश 40 प्रतिशत कर दिया गया लेकिन इसके बावजूद जबलपुर में रक्षा उत्पादन के लिए कलस्टर विकसित नहीं हो पाया। प्रदेश में रक्षा उत्पादन जो नया उद्योग स्थापित होने जा रहा है, वह जबलपुर नहीं है। कुल मिलाकर यहां उद्योग धंधे के विकास की संभावनाएं वर्ष 2015 में आशा जनक नहीं रही।
गडकरी उम्मीद जगा गए
दिसम्बर माह में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी का दौरा हुआ। इस दौरे में उन्होने फ्लाइ ओव्हर तथा बायपास के लिए करीब दो हजार करोड़ की घोषणा कर शहर का तेजी से विका होने की उम्मीद जगा गई। उन्होंने बातें में यह भी कह गए है कि जबलपुर से इंग्लैड के लिए वायु सेवा के द्वारा मै ट्रांसपोर्ट का काम शुरू करवा सकता हूं। जबलपुर में नर्मदा नदी एवं बरगी बांध है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का वाटरपोर्ट बनाया जा कसता है। जबलपुर में जल परिवहन की संभावनाएं है, किन्तु अब जरूरत है जल परिवहन को विकास एवं गतिप्रदान करने यहां के राजनेताओं को प्रयास करने की जरूरत है।
डुमना रूला गया
गत 4 दिसम्बर को स्पाइसजेट का विमान रनवे से उतरने की घटना ने डुमना में सुरक्षा खामियों की कलई खोल कर रख दी है। डुमना विमानतल के विकास की बेहद जरूरते सामने आकर खड़ी हो गई। डुमना विमानतल का लायसेंस निलंबत हो गया है और तमान उड़ाने बंद होने से जबलपुर का नाम हवाई नक्शे से फिलहाल कटा है। जरूरत है कि जबलपुर को बेहतर तरीके से एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाए जिससे बडेÞ उद्योग घरानों की जबलपुर में पहुंच आसान होए और विकास की संभावनाए बनी रहे।
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