Tuesday, 8 March 2016

डिजिलटलाइजेशन होगी देश की सभी जेल



बंदियों से मुलाकात के आवेदन आॅन लाइन

* ई-प्रिजन्स सिस्टम लागू
* रीवा, सतना और इंदोर जेल में शुरू
जबलपुर। देश की जेलों में  राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के  आतंकवादी मौजूद है जिनके भागने का खतरा और जेल से षडयंत्र बनाने की घटनाएं होती रही है। जेल से बंदियों की भागने की योजनाएं भी बनती है। जेल के बंदियों की पूरी जन्म कुण्डली के साथ ही उनसे मिलने जुलने पर वालों की जन्म कुण्डली भी जेल में मौजूद रहेगी।  आॅन लाइन मुलकात का सिस्टम ई- प्रिजेन्स प्रदेश की सभी जेलों में लागू होने जा रहा है। इसके तहत आॅन लाइन मुलाकात के तहत बंदियों से मिलने वाले लोगों का डाटा जेल कम्प्यूटर में फीड  रहेंगे।
जेलों को आॅन लाइन करने के सिस्टम के तहत सबकुछ ठीक रहा तो मुलकात की  आॅन लाइन निगाह भी होने लगेगी। डीजीपी सहित तमाम अधिकृत  एजेंसी आईबी  देख सकेंगे कि बंदियों से मुलाकात करने कौन हो आ रहा है। अनेक जेलों में सीसीटीवी कमरे लगे है जिससे मुलाकात पर भी आॅन लाइन नजर रखना संभव हो गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार की एनआईसी योजना के तहत सेंट्रल जेलों में सजा काट रहे कैदियों से उनके परिजनों -मित्रों से मुलकात की व्यवस्था आॅन लाइन की जाए। इसके लिए अगले वित्त वर्ष में प्रदेश की सभी जेलों को भरपूर बजट दिया जाएगा जिससे कम्प्यूटर सहित अन्य सामग्री उपलब्ध होगी। इस योजना के तहत जेल में मुलाकात करने पहुंचने वाले समस्त व्यक्ति को तत्काल ही फोटो, पता ठिकाना, अधारकार्ड , आईडी सहित तमाम जानकारी फीड होगी। उनकी मुकाकात संबंधी आवेदन तथा मंजूरी की मानीटिरिंंग आॅन लाइन से मुख्यालय भोपाल सहित दिल्ली व अन्य निर्धारित स्थलों में जुडे  अधिकारी कर सकते हैं। पायलट प्रोजेक्ट के तहत सतना, रीवा तथा इंदौर जेल में मुलाकात आॅन लाइन हो चुकी है।
सतना में समस्त रिकार्ड फीड
सतना में समस्त बंदियों के रिकार्ड के साथ उनके मुलाकात करने आने वाले बंदियों का पूरा रिकार्ड साफ्टवेयर में डाला जा चुका है। यहां दिसम्बर 2015 से आॅन लाइन मुलाकात आवेदन पर विचारण होने लगा है।  जेल अधीक्षक शेफाली तिवारी ने बताया कि डीजीपी वीके सिंह का प्रयास है कि समस्त जेलों का डिजिटलाइजेशन होए । इसके लिए तेजी से जेलों में कार्य चल रहा है। सतना जेल को डिजिटलाइजेशन में मुलकात आॅन लाइन करने के लिए जनवरी 2015 से तमाम रिकार्ड कम्प्यूटर में लोड करने का काम किया गया जो पूरा कर लिया गया है और दिसम्बर 2015 से मुलकात आॅन लाइन मंजूद होने लगी है। इसी तरह रीवा जेल में तेजी से काम चल रहा है।
आॅन लाइन आवेदन
केन्द्रीय जेल में मुलाकात करने वाले का डॉटा जेल कम्प्यूटर में मौजूद होने पर बंदी तथा उनके परिचति कहीं पर भी बैठ कर मुलाकात का आवेदन कर सकेगे तथा उनकी आॅन लाइन मुलाकात की तरीख तथा समय तय हो जाएगी। इसके कारण मुलकात के लिए आवेदन तथा अर्जी लगाने के लिए परिजनों को नहीं आना पड़ेगा।
बाक्स
बंदियों की जन्मकुण्डली बताएगी
केलोस्कर मशीनें लगेंगी
केन्द्रीय जेलों में डिजिटलाइजेशन के तहत जेल तथा कोर्ट में जल्द ही केलोस्कर मशीनें लगेंगी। स्क्रीन टच मशीन में बंदी का नाम फीड करते ही उसकी पूरी जन्म कुण्डली आ जाएगी। उसका आपराधिक रिकार्ड, किस कोर्ट में कब कब प्रकरण चले। कहां कितनी सजा हुई। किस जेल में कितने दिन निरूद्ध रहा। उसकी कहां कहां पेशी की तारीख तय है सबकुछ मशीन बताएगी। एटीएम मशीन की तर्ज पर इस मशीन से वकील, पुलिस , जेल अधिकारी और स्वयं बंदी रिकार्ड देख कसतें हैं। सबसे पहले ये मशीन जबलपुर केन्द्रीय जेल तथा जबलपुर हाईकोर्ट एवं जिला न्यायालय में लगाई जाएगी। इसके बाद अन्य जेलों में लगेगी।
वर्जन-
बंदियों से मुलकात का सिस्टम आॅन लाइन किया जा रहा है। जेलों में अभी रिकार्ड तैयार करने का काम चल रहा है। कुछ जेलों में आॅन लाइन मुलकात सिस्टम विकसित हो चुका है।
वीके सिंह
डीजीपी जेल




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