* एक करोड़ खर्च हो चुके
इसके सौन्दर्य और बाग बगीचे में
जबलपुर। श्मशानघाट जिसका नाम सुन कर ही मन में भय होने लगता है। लोग वहां जाने से घबराते हैं। खासतौर पर हमारे शास्त्रो में तो महिलाओं के लिए श्मशानघाट में प्रवेश वर्जित है। किन्तु लखनादौन मुक्तिधाम ऐसा रमणीय स्थल बन गया है कि यहां लोग शाम के समय महिला, पुरूष और बच्चे तक घूमने आते हैं और कुछ समय प्राकृतिक वातावरण और शांतिपूर्ण माहौल में बिताकर शांति महसूस करते हैं। दरअसल इस मुक्तिधाम का कायकल्प करने के लिए निर्दलीय विधायक और उनकी मां के प्रयास के साथी ही क्षेत्रीय लोगों की जनभागीदारी से सराहनीय और अनुकरणीय है।
सिवनी जिले के लखनादौन नगर से करीब 5 किलोमीटर दूर हरिधाम नाम से मुक्तिधाम है। पहले मुक्तिधाम के नाम पर दो पुराने थे। सिवनी के लखनादौन विधायक दिनेश राय ‘मुनमुन’ जब लखनादौन नगर परिषद के अध्यक्ष थे तब उन्होंने मुक्तिधाम का कायाकल्प करने का निर्णय लिया और लोगों को जनभागीदारी के लिए प्रेरित किया जिससे मुक्तिधाम में बदलाव होना शुरू हुआ।
विधायक बनने पर अड़चन
दिनेश राय सिवनी के विधायक बन गए लेकिन उनकी इच्छा थी लखनादौन के मुक्तिधाम को प्रदेश के सबसे स्वच्छ और सुन्दर मुक्तिधाम बनाने की। किन्तु इसके इस प्रयास में उनकी मां का विशेष योगदान रहा। उनकी मां श्रीमती सुधा राय लखनादौन नगर परिषद की अध्यक्ष है।
23 लाख से 4 शेड
मुक्तिधाम में 4 नए शेड बनाने के साथ इसकी सज्जा पर करीब 23 लाख रूपए खर्च किया गया। दिनेश राय विधायक निधि दूसरा विधान सभा क्षेत्र होने के कारण नहीं दे पाए तो उन्होंने अपने पास से 8 लाख रूपए मुक्तिधाम के लिए दान दिए जबकि उनकी मां श्रीमती सुधा राय ने जन भागीदारी से 15 लाख रूपए अर्जित किए और मुक्तिधाम का कायाकल्प हो गया। कुछ साल में यहां एक करोड़ से अधिक खर्च हो चुके हैं।
ये हंै व्यवस्थाएं
* समीप स्थित स्टॉप डैम
* पम्प हाउस से लगातार पानी की सप्लाई
* खारी विजर्सन के लिए स्वच्छ जल से भरा कुण्ड
* विशाल शिवालय एवं बगीचा
* शानदार प्रार्थना कक्ष
* समूचे मुक्तिधाम में खूबसूरत एलईडी विद्युत सज्जा
* मुक्तिधाम में साउंड सिस्टम, जिसमें धार्मिक धुनें गूंजती हैं
* जबदस्त हरियाली
* बैठने के लिए सीमेंट की कुर्सियां
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