Friday, 25 March 2016

अपराधी जन्मजात नहीं होता, परिस्थितियां बनाती है





अंजुलता पटले
  सीएसपी बरगी, जबलपुर

कोई व्यक्ति जन्मजात अपराधी नहीं होता है। समाज में उसको जो परिस्थितियां मिलती है, उसके मुताबिक वह ढलता है और अपराध की ओर अग्रसर होता है। एक पुलिस अफसर को अपराध मनोविज्ञान भी अच्छी तरह समझना चाहिए। बडेÞ से बड़े और दुर्दांत अपराधी तक अपराध की दुनिया छोड़ने तैयार हुए है। हमें अपराधी को सुधारने का प्रयास भी करना चाहिए तभी समाज अपराध मुक्त हो सकता है। आज के यंगस्टर साइबर क्राइम की ओर बढ़ रहे है, उनकी मनोवृति को दूषित होने से बचाव के लिए सभी को प्रयास करने की जरूरत है। यह कहना है डीएसपी अंजुलता पटले का। उनसे  दीपक परोहा की हुई बातचीत के अंश।
प्रश्न - महिलाओं के लिए पुलिस में क्या चुनौती है जबकि उसे पुलिस फोर्स का नेतृत्व करना होता है?
े उत्तर- मैने पीएससी देने के बाद पुलिस अधिकारी के रूप में चयनित हुई। पुलिस में भर्ती होने के बाद महसूस हुआ कि एक पुलिस अफसर की ड्यूट होती है जिसका निर्वाह करना पड़ता है। ड्यूटी यह नहीं देखती है कि सामने वाला महिला या पुरूष है। पुलिस अधिकारी के सामने अनेक चुनौतियां रहती है। कई बार तो 24 घंटे से भी ज्यादा और लगातार काम करना पड़ता है। महिला होने के बावजूद मुझे अपनी टीम का नेतृत्व करने के लिए उनके साथ रात-दिन जुटना पड़ा है।
प्रश्न- आप की कहां-कहां तैनाती रही और मुख्य चुनौती किस जिले में आई?
उत्तर- मेरी पोस्टिंग जबलपुर, एसएएफ मुरैना, डीएफ मुरैना तथा वर्तमान में सीएसपी बरगी है। सर्वाधिक चुनौती मुरैना में आई। यहां रेत एवं खनिज माफिया के खिलाफ बिना किसी दबाव एवं भय के काम करने की चुनौती थी और मैने कड़ी कार्रवाई भी की गई। इसके साथ ही  हत्या और डकैती जैसी घटनाएं मेरी अधिनस्त 7 थाना क्षेत्र में बढ़ी हुई थी जिसपर नियंत्रण कड़ी मेहनत से किया गया। मै ही एक  मात्र महिला अधिकारी अपने जोन में पदस्थ थी, इस लिए महिला अधिकारी की जहां जरूरत पड़ती थी, मुझे वहां भी जाना पड़ता रहा है।
प्रश्न- आपका कोई यादगार मामला ।
उत्तर- मुरैना में एक महिला को शादी का झांसा देकर राजस्थान में बेंच दिया गया था। राजस्थान के जिस इलाके में उसे बेचा गया था, वहां किसी व्यक्ति या महिला को खोज निकालना बेहद कम था लेकिन यह संभव हुआ। इसी तरह एक आॅनर किलर को पकड़ने की सफलता भी मिली।
प्रश्न- अपराध बढ़ने की वजह क्या समझ रहीं हैं?
जबाव- समाज ढ़ाचे में लगातार बदलाव हो रहे है। समाज में  भौतिकवादिता हावी हो रही है। इसके साथ बढ़ती जनसंख्या, घटते रोजगार आदि अनेक ज्वलंत मुद्दे है जिसके प्रभाव समाज में पड़ रहा है और अपराध भी उसी हिसाब से बढ़ रहे है, जबकि फोर्स में इसकी तुलना में कम वृद्धि हो रही है।
प्रश्न-महिलाओं के प्रति हिंसा की क्या स्थिति है?
उत्तर- दलित शोषित महिलाएं सामाज में अब बराबरी से खड़ी हो रही है। यूं तो घरेलू हिंसा के पीछे छोटे-छोटे कारण होते है, इसमें दहेज भी एक कारण है। पुलिस का प्रयास रहता है कि महिलाओं की परिवार संबंधी विवाद को सामाजिक स्तर पर ही सुलझा लिया जाए जिससे परिवार के बिखराब से बचे रहे। 

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