मेडिकल स्टोर्स में बिक्री हुई बंद ,उद्योग पर असर नहीं
जबलपुर। देश भर में नशे के लिए दवाइयों के बढ़ते उपयोग के कारण केन्द्र सरकार ने 350 दवाइयों को प्रतिबंधित कर दिया है। इसके चलते शहर के ही विभिन्न फर्मासिस्टों के गोदामों एवं दुकानों में 50 करोड़ से अधिक का माल जाम हो गया है। इस प्रतिबंध से दवा उद्योग से जुड़ी कंपनियों को तगड़ा झटका लगा है। फिलहाल शहर के फार्मासिस्टों पर कोई असर नहंी दिख रहा है किन्तु आने वाले समय में कई व्यापारियों को तगड़ा घाटे का सामना करना पड़ सकता है।
मालूम हो कि सांसद राकेश सिंह ने भी लोकसभा में नशे के लिए दवाइयों के इस्तेमाल को लेकर प्रश्न उठाया था। इतना ही नहंीं दवा कंपनियों ने विदेश में भी धड़ल्ले से दवा की सप्लाई की थी। यह मामला सरकार के संज्ञान में आने के बाद ही 350 दवाइयां प्रतिबंधित की गई। इससे दवा उद्योग से जुड़ी पचास से अधिक कंंपनियों को काफी क्षति पहुंची है। नामी कंपनियों ने तो मार्केट से अपना माल उठाने की पेशकश भी की है।
धीरे धीरे बंद हो रही बिक्री बंद
जबलपुर शहर में ही 50 करोड़ से अधिक की दवाएं मेडिकल स्टोर्स एवं ड्रग हाउस में भरी पड़ी है। कंपनियों ने दवाइयां वापस लेने के लिए कोई पॉलसी नहीं बनाई है, किन्तु दवा डीलरों को नामी कर्मियों ने अश्वस्त कर रखा है कि वे प्रतिबंधित दवाइयां वापस ले लेंगे तथा प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री रोकने के लिए भी कहा है। इसके साथ ही प्रतिबंधित दवाइयों की बिक्री धीरे धीरे बंद होती जा रही है।
चिकित्सक अब भी लिख रहे
सूत्रों की माने तो जिन 350 दवाइयों पर प्रतिबंध लगा है लेकिन अब भी अनेक चिकित्सक धड़ल्ले से मरीज को ये दवाइयां लिख रहे है। किन्तु मरीजों को दवाइयां नहंी मिल रही है चूंकि फुटकर दवाइयां बेचने वाले मेडिकल स्टोर्स संचालक प्रतिबंधित दवाइयां रखने का खतरा नहंी मोल ले रहे है।
पड़े व्यापारियों की मुसीबत
उल्लेखनीय है कि मेडिकल स्टोर्स संचालक हजारों ड्रग होने के कारण अपनी दुकानों में एक सप्ताह से अधिक की बिक्री का माल नहंी रखते है जिसके कारण जैसे ही दवाइयां प्रतिबंधित हुई और इसकी जानकारी एप्स एवं वेवसाइड में आई है तो मेडिकल स्टोर्स संचालकों ने दवाइयां मंगानी बंद करदी। लेकिन दवा कंपनी के स्टॉकिस्ट तथा डिस्टीब्यूटर्स एवं थोक दवा व्यापारी संशय में है। उनके पास 15 से 30 दिन तक स्टॉक उपलब्ध रहता है। अमूमन करीब 50 करोड़ से अधिक की दवाइयां बेकार हो गई है। सूत्रों का कहना है कि नामी कंपनियां अपने बड़े डिस्टीब्यूटर्स से दवाएं वापस ले लेंगे लेकिन छोटे डिस्टीव्यूटर्स पर मुसीबत आ सकती है। इसी तरह छोटी कंपनियां दवाइयां लेती है ,इसी संभावना कम है।
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दवा गोदाम से हटाई गई
सूत्रों का कहना है कि प्रतिबंधित दवाइयां गोदामों से तो हटा ली गई है लेकिन खुफिया गोदामों में अब भी मौजूद है और उनकी कतिपय हुनरमंद दवा व्यापारी बकायदा ड्रग सप्लाई कर रहे है।
वर्जन
हमारे लिए मुनाफा से कहीं अधिक लोक स्वास्थ्य होता है। दवाइयां प्रतिबंधित हो गई है। इसकी सूचना मिलने के साथ बिक्री बंद करते जा रहे है। हमे मध्य प्रदेश शासन के खाद्य एवं औषधीय प्रशासन विभाग से आदेश मिलते है। नामी दवा कंपनियां भी दवाइयां वापस लेने तैयार है। कुछ व्यापारियों को नुकसान हो सकती है। वहंी कंपनियां को भारी घाटा होना तय है।
आनंद जैन
सचिव कैमिस्ट एवंं ड्रग एसोसियेशन
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