Friday, 25 March 2016

एसपी गौरव तिवारी को दुर्गम सेवा पदक



नक्सली क्षेत्र में विशेष कार्य पर सरकार द्वारा सम्मानित
जबलपुर। वर्ष 2010 आईपीएस बैच के अधिकारी, बालाघाट पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को नक्सल प्रभावित बालाघाट क्षेत्र में दो वर्षीय कार्यकाल में उत्कृष्ट और उल्लेखनीय कार्य के लिए दुर्गम सेवा पदक का सम्मान मिला है।  इस जांबाज पुलिस अधिकारी को ाध्यप्रदेश सरकार के दुर्गम सेवा पदक से पुलिस महानिरीक्षक डी.सी. सागर ने अलंकृत किया है।
 ज्ञातव्य हो कि 1 जनवरी 2014 को बालाघाट में पुलिस अधीक्षक के पद पर गौरव तिवारी ने पदभार संभाला था। जिसके बाद से लगातार नक्सली गतिविधियों में कमी और पुलिस के प्रति बालाघाट में लोगों का विश्वास बढ़ा है। बालाघाट में पुलिस की मान सम्मान में श्री तिवारी ने इजाफा किया। बालाघाट आगमन के बाद से नक्सली गतिविधियों पर भी न केवल अंकुश लगा है बल्कि केन्द्र सरकार ने यहां नक्सली गतिविधियों में पुलिस की मजबूत पकड़ को देखते हुए नक्सल प्रभावित बालाघाट जिले को नक्सल प्रभावित जिले की बी सूची में डाल दिया है जो बालाघाट पुलिस की एक बड़ी उपलब्धि है।
अपराध नियंत्रण में  सफल
 पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के बालाघाट के दो वर्षीय कार्यकाल में ऐसे और कई उपलब्धियां है जिसमें आॅपरेशन मुस्कान के तहत जिले के विभिन्न थानों में नाबालिग बच्चों के 372 प्रकरण में धारा 363 भादवि के पंजीबद्ध किये गये। जिसमें 289 नाबालिग बच्चों को दस्तयाब कर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया तथा शेष 83 प्रकरणों में भी दस्तयाबी के लिए सायबर सेल की मदद से दस्तयाबी के प्रयास किये जा रहे है। यह उन्हीं का प्रयास है कि जिले मे अपराधों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए हमारी पुलिस के नाम से एक वॉट्सअप नम्बर 7587605598 जारी किया गया है।
हमदद इकाई का गठन
 बुजुर्गो एवं नि:शक्त व्यक्तियों को सहायता पहुंचाने के लिए प्रारंभ की गई हमदर्द इकाई का गठन भी इनके मार्गदर्शन में ही किया गया। जिससे आज कई बुजुर्गों को न्याय मिला है। इन्होंने ही बाल मजदूरी एवं नाबालिग बच्चों की भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए विशेष किशोर पुलिस इकाई का गठन किया गया है। जिसके सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो रहे है।  बालाघाट पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को  दो बड़े बहुचर्चित प्रकरण फर्जी टी.पी. कांड और आर.टी.ओ. में वाहनों के फर्जीवाड़ा उजागर करने की कामयाबी मिली है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा पुलिस विभाग के किसी अधिकारी को दुर्गम सेवा पदक से सम्मानित किया जाना एक बड़ी बात है।

वर्जन
बालाघाट पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी को इस सम्मान से सम्मानित किया गया है। जो पुलिस विभाग के लिए खुशी की बात है। नक्सल प्रभावित क्षेत्र में दो वर्ष की अवधि पूर्ण करने पर केन्द्र सरकार द्वारा आंतरिक सुरक्षा पदक प्रदाय किया जाता है। जिसके लिए भी अनुशंसा सहित प्रस्ताव पुलिस महानिदेशक  के माध्यम से गृह मंत्रालय भारत सरकार को प्रेषित किया गया है।
डी.सी. सागर, पुलिस महानिरीक्षक, बालाघाट रेंज

जिले मे पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी के किये गये प्रयास का परिणाम है कि उनके कार्यकाल में 19 नक्सलियों की गिरफ्तारी की गई। जिसमें कुख्यात नक्सली दिलीप उर्फ गुहा की गिरफ्तारी सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। जिस पर मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र सहित छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 27.5 लाख रुपए का ईनाम घोषित किया गया था। इसी प्रकार जंगल सर्चिंग के दौरान नक्सलियों द्वारा विभिन्न थाना क्षेत्र अंतर्गत कुल 12 स्थानों पर डम्प कर रखे गए बारूद एवं अन्य सामग्री को बरामद करने के साथ-साथ लगभग 12 स्थानों पर ही नक्सलियों द्वारा लगाए गए आई.ई.डी. को भी निष्क्रिय कराने और नक्सल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत 02 नक्सलियों को आत्मसमर्पण करवाने में इनकी भूमिका सराहनीय रही।  पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी द्वारा सामुदायिक पुलिसिंग के तहत भी कई ऐसे कार्य किये गये। जिससे भी नक्सली विचारधारा पर काफी हद तक अंकुश लगा।

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