* पूरे देश की मंडियों में छाया है नरसिंहपुर का गुड, शुगरमिल की डिमांड से दुगना हो रहा गन्ना उत्पादन
जबलपुर। नरसिंहपुर के तैयार गुड की मिठास साउदी अरब तक पहुंच रही है। यूं भी भारतीय गुड की मांग साउदी अरब में अच्छी खासी है। इसके साथ ही गुण उत्पादन के मामले में नरसिंहपुर जिला तेजी से उभर कर आया है। प्रदेश में सर्वाधिक गन्ना उत्पादन करने वाला जिला बन गया है। जिले के लगभग सभी 1050 गांवों में गन्ना उत्पादन हो रहा है। ं यूं तो 7 शुगरमिल है लेकिन गन्ने उत्पादन में अग्रणी जिले में डिमांड से दुगना गन्ना उत्पादन होने के कारण अब गुण्ड उत्पादन हो रहा है। लगभग सभी गांवों में 8-10 बड़ी गुड तैयार करने भट्टियां लग रही है।
उल्लेखनीय है कि कभी देश में सर्वाधिक सोयाबीन का उत्पादन नरसिंहपुर जिले में हुआ करता था लेकिन नरसिंहपुर के किसानों से उद्यौगिक उजप गन्ना का उत्पादन बढ़ा और इसके साथ ही नरसिंहपुर में आधा दर्जन से अधिक शुगर मिले स्थापित हुई किन्तु शुगरमिल संचालक और गन्ना उत्पादन कृषकों के बीच दाम को लेकर लम्बा विवाद चला है। यहां तक भाजपा नेता प्रहृलाद पटैल के नेतृत्व में किसानों ने अपनी गन्ने की फसलें जला दी। प्रदेश में गन्ना उत्पादन पर कोई बोनस भी नहीं मिल रहा है। ऐसे में यहां के किसानों ने गुड उत्पादन का काम शुरू कर दिया है। इसके चलते नरसिंहपुर के किसान स्वयं गुड उत्पादन तेजी से कर रहे और अब नरसिंहपुर का गुड साउदी अरब में एक्पोर्ट हो रहा है।
पूरे देश की मंडियो में छाया
नरसिंहपुर के गुड की मांग देशी मंडियों में भी जबदस्त तरीके से बढ़ी है। परिणाम स्वरूप शुगरमिल में अपना गन्ना बेचने के लिए अब नरसिंहपुर के गन्ना कृषक लम्बी लाइन कतारे नहीं लगा रहे है। भारतीय मंडी में अब तक मेरठ के गुड की सर्वाधिक मांग रहती थी, लेकिन अब नरसिंहपुर का गुड भी यहां नजर आने लगा है।
किसान खेतों में तैयार कर रहे
जानकारी के अनुसार नरसिंहपुर के एक क् िवंटल गन्ने से 9 से 10 किलो शक्कर का उत्पादन होता है , वहीं जब किसान गुड बनाता है तो 14 से 15 किलो गुड बन रहा है। वर्तमान में गन्ने का शासूकीय रेट 230 रूपए प्रतिक्विंटल है। नरसिंहपुर से मंडी के व्यापारी 2000 से 2030 रूपए क्विंटल में गुड खरीद रहे हे। उल्लेखनीय है मेरठ सहित उत्तर प्रदेश के गुड भी मंडी में इसी रेट पर खरीदे जा रहे है।
65 हजार हैक्टेयर
जिले में गन्ने का रकवा 65 हजार हैक्टेयर है तथा प्रति हैक्टेयर 6 सौ क्टिवंटल उत्पादन है। जिले की 7 शुगर मिलों में प्रतिदिन 20 हजार मीट्रिक टन गन्ने की खपत है। नवम्बर माह के दूसरे सप्ताह से अप्रैल माह तक शुगर मिलों में गन्ने की खरीददारी चलती है। जिले की सभी शुगर मिलों में गन्ना की पूर्ण उपलब्धता है। इसी तरह गुड उत्पादन की करीब 7-8 हजार बड़ी भट्टियां लगती है। उल्लेखनीय है कि नरसिंहपुर के किसाने अच्छी गुणवत्ता के गुड स्वयं ही खेतों में देशी संसाधनों से तैयार कर रहे है। बड़ी कढाही और चूल्हा भट्टे पर गन्ना के खेत से निकलने वाली पत्तियां आदि को ईधन के रूप में उपयोग कर गुड तैयार कर रहे है। नरसिंहपुर के गुण की मिठास के साथ ही इसके जमने और नमी कम सोखने के गुण ने यहां के गुड की मांग तेजी से बढ़ाई है।
देश में उत्पादन गिरा
इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण गन्ना उत्पादन क्षेत्र में गन्ने का उत्पादन गिरा है लेकिन नरसिंहपुर के किसानों ने अपनी मेहनत और सिंचाई के दम पर सूखा जिला होने के बावजूद गन्ने का अच्छा उत्पादन किया है।
वर्जन
नरसिंहपुर में 56 हजार हैक्टेयर क्षेत्र में गन्ना उत्पादन किया गया है। जितना गन्ना शुगर मिल में लगता है करीब उतने ही गन्ने का गुड उत्पादन हो रहा है। व्यवसायिक फसल होने के कारण जिले के किसान गन्ना का उत्पादन कर रहे है।
जितेन्द्र सिंह
उप संचालक कृषि नरसिंहपुर
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