Friday, 25 March 2016

किराए की कोख लेगी भैंसे


जबलपुर। एक उन्नत किस्त की दुधारू नस्ल की भैंसे अपने उन्नत नस्ल के बच्चों का जन्म देने के लिए अब किराए की कोख का इस्तेमाल करेगी। यह बात सोचने में बड़ी विचित्र लगती है लेकिन नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विश्व विद्यालय में इस दिशा में तेजी से काम चल रहा है। यदि यह प्रयोग शतप्रतिशत सफल  रहता है तो ऐसी उन्नत भैंसे जो जीवन भर में मात्र 10-11 कफ पैदा करती थी वे किराए की कोख के माध्यम से 200 तक बच्चे पैदा कर सकेंगी। जल्द ही गाय -भैंस भी सरोगेट मदर हुआ करेंगी।

उल्लेखनीय है कि ऐसे मवेशी जो सिर्फ चारा -भोजन करते है और दूध बेहद कम देते हंै।  इनको जीवित रखना या पालना महंगा है। ऐसे डिस्कार्ड एनिमल भी इस रिसर्च के चलते अब बेहद उपयोगी साबित हो सकते है। ऐसे एनिमल को सरोगेट मदर बनाकर यानी टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक का इस्तेमाल कर उन्नत नस्ल के पशु का जन्मदाता बनाने के रूप में काम लिया जाएगा। ऐसे मवेशियों की कोख का इस्तेमाल कफ पैदा करने के लिए किया जाएगा।
पशुधन बढ़ाने अनुसंधान
भैंसों की उन्नत नस्ल बढ़ाने के लिए  दिशा में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा महाविद्यालय में तेजी से काम चल  रहा है। अब वह  दिन दूर नहीं कि गाय-भैंस भी टेस्ट् ट्यूब एनिमल का जन्म देंगे। मालूम हो कि देश तथा विदेश में अब तक कम दूध देने वाले एनिमल  के लिए सिर्फ एक मात्र जगह कत्लगाह रही है। इसका  विशेष उपयोग नहीं पाता था लेकिन  देश में पशुधन को बढ़ाने के लिये रिसर्च में जुटे वैज्ञानिकों की मेहनत का नतीजा है कि अब ऐसे एनिमल भी उपयोगी साबित होंगे।  टेस्ट ट्यूब बेबी तकनीक को और अपग्रेड कर वैज्ञानिकों  द्वारा ऐसे मवेशियों को उन्नत किस्म की पशु का जन्म देने वाली फार्म के रूप में विकसित किया जाएगा। नानाजी देशमुख पशुचिकित्सा विश्व विद्यालय स्थित बायो टैक्नॉलाजी सेंटर मे राष्ट्रीय कृषि विकास परियोजना के तहत 3 करोड़ की लागत से  रिसर्च कार्य चल रहा है। यह प्रयोग भैंसो पर किया जा रहा हैै।
ये है  तकनीक
अनुपयोगी भैंस जो कि दूध कम देती है, उनके गर्भ (कोख )में फर्टीलाइज  ओवम  प्रविष्ट कराया जाता है। इसके पूर्व एक उन्नत नस्ल की भैंस से अल्ट्रा साउंड गाइडेड ओवम पिक अप टेक्नीक के माध्यम से उक्त भैंस की  ओवरी ं से ओवम हासिल कर  एक परखनली में एकत्र किया जाता है। इसके बाद इन ओवम को लैब में उन्नत नस्ल के भैसा यानी पाडा के   सीमेन से फर्टीलाइज किया जाता है। इस तरह से फर्जीलाइज ओवम  यानी भू्रण  को ग्राहता मादा पशु (भैंस)  के गर्भ में प्रविष्ट किया जाता  है।
हर साल 15-20 बच्चों का जन्म
इसी रिसर्च का महत्वूर्ण  पहलू यह  है ओवम डोनर एनिमल यानी  उन्नत नस्ल की भंैस के
साल में 15-20  कॉफ पैदा होंगे। । यह जरूर है कि उनके बच्चे किसी अन्य अनुपयोगी भैंस की कोख में  पलेेंगे।  एक उन्नत नस्ल की दुधारू  भैंस अपने पूरे जीवन काल में लगभग 10 बच्चों को जन्म देती है  लेकिन इस नई तकनीक से बिना गर्भधारण किए वह 200 बच्चों की मां बन सकती है। 

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