अब तक पुरातन महत्व की मूर्तियां
रजिस्टर्ड तक नहीं हो पाई
दीपक परोहा
9424514521
जबलपुर। इतिहास साक्षी है, जबलपुर और आसपास के इलाके सदियों से अपनी संस्कृति,कला और वैभव में बेजोड़ रहे है। यहां कल्चुरियन कॉल फिर गोंडवाना काल में कला और संस्कृति ने उन्नति के आयाम कायम किए , जिसके भग्नावेश के रूप में समय के प्रमाण हमारी पुरातत्व धरोहर है जो यहां बिखरी पड़ी है। समीपस्थ ग्राम बिनेकी में तालाब में पुरातत्व महत्व की आधा दर्जन से अधिक प्रतिमाएं शुक्रवार को निकली जो 13 वीं शताब्दी की है। यहां पुरातत्व सम्पदा निकलने पर पुलिस की मौजूदगी में गांव में इसे सुरक्षित रखवा दिया गया लेकिन पुरातत्व विभाग के किसी भी कर्मचारी ने यहां आने की जरूरत नहीं समझी जबकि उन्हें पुलिस ने ही सूचित कर दिया था।
जबलपुर शहर से करीब 15 किलोमीटर दूर पाटन रोड़ के किनारे करीब 15 सौ आबादी वाला बिनैकी ग्राम स्थित है। ग्राम में एक अति प्राचीन तालाब है जिसके घाट आदि सब जमीन के नीचे दफन है। गांव के बुर्जगों को कहना है कि तालाब वे वर्षो से देख रहे है, वह कब का बना है ,इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
आस्था से जुड़ गई प्रतिमाएं
ग्राम के बालक 12 वर्षीय अजय यादव शुक्रवार को सुबह तालाब से मिट्टी निकालने गया था तथा मिट्टी खोदते समय उसे एक प्रतिमा दिखाई दी तो उसने गांव के लोगों को सूचित कर दिया। ये पाषाण प्रतिमा हिन्दु देवी देवताओं की थी जो अति प्राचीन थी। इसके बाद तालाब में लोगों की भीड़ लग गई। प्रतिमा निकालने के साथ पूजा-पाठ का दौर भी शुरू हो गया। बालक का कहना है कि उसे कल रात स्वप्न आया था कि तालाब के किनारे प्रतिमा गड़ी हुई है , इस पर वह निकालने पहुंच गया। बहरहाल ये घटना गांव में चर्चा का विषय बन गई। इसके साथ की ग्रामीणों को खुदाई में और भी प्रतिमाएं मिली। घटना की सूचना मिलने पर पाटन पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। पुलिस ने पुरातत्व विभाग को सूचित कर दिया है लेकिन कोई नहीं पहुंचा।
कोई सुध लेने वाला नहीं
जबलपुर से करीब 13 किलोमीटर दूर गांव तेवर जो कभी कल्चुरी शासको की राजधानी त्रिपुरी हुआ करती थी। कुल्चुरी वंश के महान शासक राजा कर्ण की राजधानी हुआ करता था। तेवर सहित आसपास के करीब दर्जनों गांवों में ऐसी पुरातत्व महत्व की प्रतिमाएं मौजूद है। इस तरह सिहोरा तहसील के अनेक गांव, पाटन तहसील के अनेक गांवों में पुरातत्व महत्व की प्रतिमाएं मौजूद है। वर्षो मूर्ति तस्करों का स्वर्ग जबलपुर रहा है। यहां तक माला देवी जैसी गोंडवंश की कुलदेवी की प्रतिमा को चोरी करने कोशिश हो चुकी है। बहरहाल आज दिनांक तक गांवों के मंदिरों तथा मढियों में मौजूद पुरातत्व महत्व की प्रतिमाओं को पुरातत्व विभाग द्वारा रजिस्ट्रेशन तक नहीं किया जा सकता है। हालत यह है कि अब भी पुरातत्व संपदा की सुध लेने कोशिश नहंी की जा रही है।
वर्जन
गांव में प्रतिमा निकलने की सूचना पर पुलिस पहुंची थी तथा पुरातत्व विभाग को सूचना दी गई है। गांव वाले चाहते है कि तालाब खुदाई कर तालाब में दफन प्राचीन मंदिर को निकाला जाए तथा पुरातत्व संपदा को संरक्षित किया जाए।
आशा पटैल
सरपंच बिनैकी
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