* डिंडौरी में वृद्ध एवं विकलांगों के लिए सफर बेहद मुश्किल भरा
जबलपुर। आदिवासी जिला डिंडौरी में एक ही परिवार के चार भाई बहन को विकलांग भत्ता लेने के लिए 50 किलोमीटर के सफर के कारण ठोकर खाना पड़ता है। किसी वाहन से जाते है तो 50-50 रूपए खर्च हो जाते है। यहीं एक लकवा पीड़ित को उसकी पत्नी हाथ ठेले में लेकर पेंशन दिलाने पहुंचती है।
जिला डिंडौरी जहां अब भी सड़क और पहुंच मार्ग के नाम पर दूरस्थ वन ग्राम से मुख्यालय पहुंचने के लिए पगडंडी ही साधन है। यहां निराश्रित वृद्ध तथा विकलांगों को पेंशन लेने के लिए जानलेवा सफर तय करना पड़ता है। एक ही परिवार के दो भाई एवं दो बहने जन्मांध है जिन्हें प्रतिमाह पेंशन लेने के लिए 50 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है।
इन भाई -बहनों को विकलांग भत्ता 300 -300 रूपए मिलते है लेकिन सफर में उनके सौ-सौ रूपए खर्च हो जाते है। कठिन और जंगली रास्ता होने के कारण जन्मांध भाई -बहनें पैदल भी नहीं आ पाते हैं। उनको किसी साधन की जरूरत पड़ती है । डिंडौरी जिले में निराश्रितों को पेंशन प्राप्त करने में जो कष्ट भोगना पड़ रहा है, इससे वे बेहद परेशान है।
पिता की हो चुकी मौत
करंजिया विकासखंड के पंडरीपानी निवासी दो भाई संतोष एवं अनिल दोनों ही जन्म से अंधे है। उनके परिवार की विडम्बना यह है कि परिवार में मौजूद सभी सदस्य दृष्टिबाधित है। इन भाइयों की दो बहनें कल्पना एवं अनीता बाई (काल्पनिक नाम) भी जन्मांध है। उनके पिता की मौत हो चुकी है। परिवार का पूरा खर्चा उनके विकलांग भत्ते पर चलता है। चारों भाई -बहनों को 300-300 रूपए ही मिलते है। वे अपना भत्ता लेने गांव से 50 किलोमीटर दूर गोरखपुर जाते है।
हाथ ठेले में लेकर पहुंचे
ऐसा ही एक मामला गत दिवस सामने आया। डिंडौरी के वार्ड क्रमांक 70 वर्षीय बुधैया वनवासी लकवा पीड़ित है। उसका चलना मुश्किल है अत: उसकी वृद्धावस्था पेंशन लेने हाथ ठेले में पत्नी सुखमतिया बाई एवं बेटा लेकर पहुंचा था। पति एवं पत्नी दोनों को पेंशन मिलती है, उनका खाता जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक में है। बैंक कर्मी हाथ ठेले में लेते लकवा पीड़ित का अंगूठा लेने सड़क तक पहुंचे थे। इस वृद्ध को लाने के परिजनों को 50 रूपए में हाथ ठेला किराए से लेना पड़ा था।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में गोंगपा के जिला अध्यक्ष हरेन्द्र सिंह मार्को ने मांग की है कि वृद्धावस्था पेंशन, निराश्रित पेंशन लेने वाले जो बैंक पहुंचने में असमर्थ हैं, उन बीमारों को घर पर ही भुगतान करने की व्यवस्था की जाए। फिलहाल प्रशासन नियमों के कारण ऐसी व्यवस्था करने से इंकार कर रहा है।
वर्जन
नगर पंचायत ने पेंशन भुगतान की जो व्यवस्था की है ,उसके तहत वृद्धजन को ही भुगतान किया जाता है। इस कारण उन्हें पेंशन लेने आना पड़ता है।
जीपी झारियास , प्रबंधक सहकारी बैंक डिंडौरी
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