Wednesday, 21 September 2016

दिल के अंदर अतिरिक्त चैम्बर एवं धमनी को हटाया गया

 दीपक परोहा
9424514521



दुनिया का  काडियो सर्जरी का अनूठा केस

देश के नामी कार्डियक सर्जन डॉ सुदीप चौधरी जिन्होंने भारत सहित दुनिया के कई देशों में जटिल हार्ट सर्जरी की है। उनके पास एक अनूठा केस आया जिसमें मरीज के हृदय में चार चैम्बर की जगह पांच चैम्बर बन गए  थे। इसी तहर एक धमनी भी अतिरिक्त थी। हृदय में अतिरिक्त चैम्बर और अतिरिक्त धमनी के कारण खून अधिक मात्रा में आने के कारण हृदय पर दबाव ज्यादा बना रहता था। इस कारण मरीज का वाल्व भी खराब हो गया था।
इस मरीज की जान बचाने के लिए वाल्व बदलने के साथ हृदय मे बने अतिरिक्त चैम्बर को खत्म करना था, वहंी अतिरिक्त धमनी थी जिससे हृदय के उपर का खून पहुंच रहा था उसको भी बंद करने की चुनौती थी। डॉ सुदीप चौधरी ने मेट्रो हॉस्पिटल में ओपन हार्ट सर्जरी कर चार घंटे में मरीज का हृदय का अतिरिक्त चैम्बर की दीवार निकाल दी। दो चैम्बरों को निकाल कर एक किया। इसके अतिरिक्त हृदय में  पहुंचने वाली अतिरिक्त धमनी को भी ब्लाक कर बंद किया गया।

दुनिया में अनूठा केस

डॉ.सुदीप चौधरी ने बताया कि अब तक मेडिकल जनरल में ऐसी बीमारी के कोई भी केस का उल्लेख नहीं है। दुनिया का यह पहला और अनोखा केस था। जबलपुर निवासी सतीश कोल के हृदय रोग से पीड़ित था। 20 वर्षीय सतीश कोल को गंभीर हालत में लाया गया। जांच में ज्ञात हुआ कि उसका वल्व खराब है। इसको बदलने की जरूर थी।
इस मरीज की जांच में चौकाने वाली जानकारी आई कि मरीज के दिल में चार चैम्बर के बजाए पांच चैम्बर बन गए है। एक चैम्बर वॉल अतिरिक्त थी। लेफ्ट वेन्टीक्युलर और ओरटा (महाधमनी ) के बीच वाल्व था लेकिन जन्म से हृदय की खराबी के कारण लेफट वेन्टीक्युलर और ओरटा के बीच से एक नया रास्ता बना गया था। इसमें हृदय में एक और चैम्बर बन गया था तथा उसमें धमनी से रक्त आता था। इसके कारण हृदय रक्त के दबाव से फूल जाता था। इससे कभी भी उसका हार्ट फेल होने की स्थिति बन जाती

चुनौती पूर्ण रहा आपरेशन
डॉ चौधरी ने बताया कि अब तक उन्होंने वाल्व बदलने , धमनी में ब्लाकेज खत्म, बायपास सर्जरी करने के कई केस किए  थे लेकिन हृदय में इस तरह के आॅपरेशन पहले कभी नहंी किया था। आॅपरेशन के दौरान हार्ट से चैम्बर की एक वॉल निकाली गई। इसके साथ ही निर्मित एक अतिरिक्त धमनी को भी बंद किया गया। इसके बाद मरीज का खराब वाल्व बदल दिया गया और अब मरीज की हालत में सुधार आ गया है।
मात्र एक साल जीवित रहता
 डॉ. चौधरी का कहना है कि यह मरीज अपने हृदय के जटिल रोग के कारण बमुश्किल एक साल और जीवित रहता। मरीज के ओरटा में भी एक छेद था जिसको भी बंद किया गया था। इस  आॅपरेशन के हो जाने से मरीज को नया जीवन मिला है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व मरीज ने जब भी कहीं चैकप कराया गया तो उसको यही बताया गया था कि उसके हृदय में छेद है। दरअसल मरीज की धमनी में भी छेद था जिससे होकर वायपास धमनी निर्मित हो गई थी , उसको भी बंद किया गया। उल्लेखनीय है कि उक्त आॅपरेशन हाल ही में किया गया।
 डॉक्टर टॉक
 आम आदमी को खानपान के कारण हृदय रोग की समस्या आती है लेकिन बहुत से मामले में हृदय रोग जन्मजात भी होता है। इसके साथ ही वंशानुगत भी होता है। ऐसी स्थिति में हृदयरोग का निदान करना जरूरी है। कई हृदयरोगी ओपन हार्ट सर्जरी के नाम से  घबराते है और इलाज नहंी कराते है ।  आॅपनहार्ट सर्जरी से मरीज के जीवित रहने की संभावना बढ़ जाती है।   

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