Wednesday, 14 September 2016

ग्राम पालागोंदी में लिखी विकास की इबारत


जबलपुर। आदिवासी बाहुल्य जिला बालाघाट के उकवा विकासखंड के ग्राम पालागोंदी के ग्रामीण अब पहाड़ के पसीने से अपनी प्यास बुझाएंगे। पहाड़ से जल रिसाव से निर्मित झरने का पानी अब उनके आंगन तक पहुंच रहा है।
गांव से करीब 4 किलोमीटर दूर इस पहाड़ी झरने का पानी अपने गांव तक पहुंचाने में ग्रामीण कामयाब हुए है। करीब एक माह से चल रहे काम के बाद पानी 12 जून को गांव में पहुंच गया जिससे ग्रामीणों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
 ग्राम पालागोंदी में ग्राम पंचायत की नल-जल योजना के तहत यह कार्य हुआ है किन्तु पहाड़ और झरना गांव से 4 किलोमीटर दूर था , बीच में सघन जंगल भी था ,जिसके कारण उतनी दूर से पानी गांव के फिल्टर टैंक  तक लाना संभव न होने के कारण ग्राम पंचायत यहां नल-जल योजना के तहत कार्य नहीं करना चाहती थी लेकिन आदिवासी ग्रामीण अपने गांव का विकास चाहते थे और उन्होंने नलजल योजना के लिए धरना प्रदर्शन कर अपनी मांग मंजूर करवाई। इसके साथ स्वयं भी श्रमदान कर इस कार्य को पूर्ण कराया।
उल्लेखनीय है कि पहाड़ी से जल रिसवा एक घंटे में करीब 4 गैलन होता है। गर्मियों में इसकी धार बनी हुई है। इसके चलते गांव तक जल पहुंचाने की योजना बनाई गई। ग्रामीणों ने अपनी इच्छा शक्ति और अपने श्रमिशक्ति का परिचय देते हुए असंभव कार्य को संभव बनाया। झरने का पानी गांव तक पहुंचाने के लिए जंगल के बीच से छोटी नहर खोदी गई और ये काम मई के भीषण गर्मी में चला और अंतत: नहर तैयार हो गई। पहाड़ी झरने का पानी गांव तक पहुंच गया।
 रामकली बाई नामक ग्रामीण महिला का कहना है कि अब उन्हें पानी लेने जंगल से होकर झरने तक नहीं जाना पड़ेगा। नल के माध्यम से पानी हमारे घर तक पहुंचेगा। हमारे गांव में विकास की नई शुरूआत हुई है। उसकाल मुंडा झरने का मीठा पानी आएगा। उल्लेखनीय है कि नल जल योजना के तहत इस गांव को 10 लाख की राशि शासन से मंजूर की गई थी। यूं तो  गांव में पेयजल के लिए कुआ एवं नलकूप भी हैं किन्तु गर्मियों के कारण वे सूख गए है। गांव से 4 किलोमीटर दूर पहाड़ी के जिंदा झरना से उन्हें पानी लाना पड़ता था। खासतौर इस वर्ष भीषण सूखे के कारण ग्रामीणों को पानी के लिए काफी भटकना पड़ा है। 

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