हाथ, पैर और कुल्हे की चकनाचूर
हुई हड्डिों को जोड़ने में लगे 7 घंटे
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दातून तोड़ने नीम के पेड़ पर चढ़े सेवा निवृत फैक्टरी कर्मचारी के पेड़ से गिरने के कारण उनके हाथ, पैर तथा कुल्हे की हड्डियां बुरी तरह चकनाचूर हो गई। बड़ी उम्र में गिरने से आई चोट के कारण हड्डियों में मल्टी फ्रैक्चर आए थे। मरीज की टूटी हड्डियों को जोड़ने कई बार आॅपरेशन करने के बजाए एक बार में आॅपरेशन कर सभी हड्डियां जोड़ी गई। इस आॅपरेशन में 7 घंटे का लम्बा समय लगा। हड्डियां जोड़ने के लिए स्टील प्लेट्स, स्क्रू, नट सहित आधा दर्जन से अधिक कलपुर्जों का इस्तेमाल किया गया। यह आॅपरेशन जबलपुर हॉस्पिटल में नगर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय श्रीवास्तव ने किया।
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डॉ. अभय श्रीवास्तव ने बताया कि 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को गिरने और चोट आने से बचने और सावधानी की जरूरत है। सार्इंबाबा कॉलोनी निवासी सेवानिवृत कर्मी विमल सिंह दातून तोड़ते वक्त नीम के पेड़ से गिर गए थे। वे बहुत अधिक उंचाई से नहीं गिरे थे लेकिन उनके कूल्हे, हाथ तथा पैर की हड्डियां में मल्टी फै्रक्चर आए थे। कूल्हा, जांघ तथा पैर की हड्यिां 7 टुकड़ों में बंट गई थी। इसके अलावे छोटे फ्रैक्चर अनेक हुए थे।
आॅपरेशन चुनौती पूर्ण
मरीज का आॅपरेशन एक साथ करने का निर्णय लिया गया। इस आॅपरेशन हड्डियों को अपनी जगह बैठाने के बाद उन्हें स्कू, प्लेट्स एवं रॉड डालकर कसने में काफी समय लगना था। इसके ऐसी रणनीत तैयार की
गई कि बेहद तेजगति से काम किया गया, फिर भी 7 घंटे लग गए ।
सफल रहा आॅपरेशन
आॅपरेशन के कुछ दिन बाद मरीज का एक्सरे लिया गया है। मरीज की हड्डियां सही बैठी है, वहीं जोड़े गए उपकरण (एंटी बॉडी) अपनी जगह पर फिक्स है।
फिजियो थैरेपी होगी
आॅपरेशन के तीन दिन बाद मरीज से हाथ- पैर चलवाए जाने लगे। बैडरेस्ट करते हुए मरीज को व्यायाम कराया गया। मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। फिजियोथैरेपी के बाद मरीज पहले की तरह चलने फिरने लगेगा।
डॉक्टर टॉक
वृद्धावस्था में फ्रैक्चर बेहद खतरनाक होता है। वृद्ध व्यक्ति की हड्डियों में लोच कम हो जाता है जिससे दुर्घटना में उसके बुरी तरह टुकड़े-टुकड़े होेने का खतरा अधिक रहता है। इसके साथ ही हड्डियां देरी से भी जुड़ती है। आॅपरेशन कर हड्डियों जोड़ा जाना ही बेहतर विकल्प होता है। मरीज को जल्द ही व्यायाम नहंीं कराना शुरू किया जाए तो उसको विकलांगता का खतरा रहता है। खासतौर पर चिकने टाइल्स बाथरूम में नहीं लगाए जाने चाहिए , अधिकांश वृद्धजन की हड्डियां बाथरूम में गिरने से टूटती है और महीनों उन्हें तकलीफ उठानी पड़ता है। अधेड़ महिलाओं में हड्डी के खोखलापन की शिकायत रहती है। इससे कई बार स्वत: फै्रक्चर हो जाते है अत: महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद अस्थिरोग विशेषज्ञ से दवाइयां एवं खान पान संबंधी सलाह लेनी चाहिए
हुई हड्डिों को जोड़ने में लगे 7 घंटे
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दातून तोड़ने नीम के पेड़ पर चढ़े सेवा निवृत फैक्टरी कर्मचारी के पेड़ से गिरने के कारण उनके हाथ, पैर तथा कुल्हे की हड्डियां बुरी तरह चकनाचूर हो गई। बड़ी उम्र में गिरने से आई चोट के कारण हड्डियों में मल्टी फ्रैक्चर आए थे। मरीज की टूटी हड्डियों को जोड़ने कई बार आॅपरेशन करने के बजाए एक बार में आॅपरेशन कर सभी हड्डियां जोड़ी गई। इस आॅपरेशन में 7 घंटे का लम्बा समय लगा। हड्डियां जोड़ने के लिए स्टील प्लेट्स, स्क्रू, नट सहित आधा दर्जन से अधिक कलपुर्जों का इस्तेमाल किया गया। यह आॅपरेशन जबलपुर हॉस्पिटल में नगर के अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ. अभय श्रीवास्तव ने किया।
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डॉ. अभय श्रीवास्तव ने बताया कि 50 साल से अधिक उम्र के व्यक्ति को गिरने और चोट आने से बचने और सावधानी की जरूरत है। सार्इंबाबा कॉलोनी निवासी सेवानिवृत कर्मी विमल सिंह दातून तोड़ते वक्त नीम के पेड़ से गिर गए थे। वे बहुत अधिक उंचाई से नहीं गिरे थे लेकिन उनके कूल्हे, हाथ तथा पैर की हड्डियां में मल्टी फै्रक्चर आए थे। कूल्हा, जांघ तथा पैर की हड्यिां 7 टुकड़ों में बंट गई थी। इसके अलावे छोटे फ्रैक्चर अनेक हुए थे।
आॅपरेशन चुनौती पूर्ण
मरीज का आॅपरेशन एक साथ करने का निर्णय लिया गया। इस आॅपरेशन हड्डियों को अपनी जगह बैठाने के बाद उन्हें स्कू, प्लेट्स एवं रॉड डालकर कसने में काफी समय लगना था। इसके ऐसी रणनीत तैयार की
गई कि बेहद तेजगति से काम किया गया, फिर भी 7 घंटे लग गए ।
सफल रहा आॅपरेशन
आॅपरेशन के कुछ दिन बाद मरीज का एक्सरे लिया गया है। मरीज की हड्डियां सही बैठी है, वहीं जोड़े गए उपकरण (एंटी बॉडी) अपनी जगह पर फिक्स है।
फिजियो थैरेपी होगी
आॅपरेशन के तीन दिन बाद मरीज से हाथ- पैर चलवाए जाने लगे। बैडरेस्ट करते हुए मरीज को व्यायाम कराया गया। मरीज को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है। फिजियोथैरेपी के बाद मरीज पहले की तरह चलने फिरने लगेगा।
डॉक्टर टॉक
वृद्धावस्था में फ्रैक्चर बेहद खतरनाक होता है। वृद्ध व्यक्ति की हड्डियों में लोच कम हो जाता है जिससे दुर्घटना में उसके बुरी तरह टुकड़े-टुकड़े होेने का खतरा अधिक रहता है। इसके साथ ही हड्डियां देरी से भी जुड़ती है। आॅपरेशन कर हड्डियों जोड़ा जाना ही बेहतर विकल्प होता है। मरीज को जल्द ही व्यायाम नहंीं कराना शुरू किया जाए तो उसको विकलांगता का खतरा रहता है। खासतौर पर चिकने टाइल्स बाथरूम में नहीं लगाए जाने चाहिए , अधिकांश वृद्धजन की हड्डियां बाथरूम में गिरने से टूटती है और महीनों उन्हें तकलीफ उठानी पड़ता है। अधेड़ महिलाओं में हड्डी के खोखलापन की शिकायत रहती है। इससे कई बार स्वत: फै्रक्चर हो जाते है अत: महिलाओं को 40 साल की उम्र के बाद अस्थिरोग विशेषज्ञ से दवाइयां एवं खान पान संबंधी सलाह लेनी चाहिए
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