डिंडौरी में अजूबा..रंग बदल रहे सांप
सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलेश्रेष्ठ के अनुसार दृष्टिभ्रम
* अंधविश्वास को बढ़ावा देना खतरना
जबलपुर। पड़ोसी जिला डिंडौरी के मेहंदवानी विकाासखंड के ग्राम भुरका में पिछले कई दिनों से एक पहाड़ी में सांपों का झुंड लग रहा है और इस सर्प के रंग बदल रहे है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो रहे है और नागराज की पूजा अर्चना भी होने लगी है। प्रदेश में विख्यात सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ का कहना है सर्प गिरगिट की तरह रंग नहीं बदलते है यह पानी की नमी के कारण दृष्टिभ्रम उत्पन्न हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ी में पिछले कई दिनों से सर्प का डेरा लग रहा है। इन सांपों का बार बार रंग भी बदल रहा है। और इसे दैवीय चमत्कार मानकर भजन कीर्तन तक शुरू हो गए है। नरियल प्रसाद वालों की दुकानें सजने लगी हे।
नाग नागिन के जोड़े
क्षेत्र में सर्प के झुंड को लेकर जो चर्चाएं चल रही है उसके मुताबिक नाग नगिनों के यहां पर जोड़े नजर आ रहे है। वहीं जानकारों का कहना है कि सांप नाग प्रजाति के न होकर धामन है और वे जहरीले भी नहंी होते है।
पिछले दिनों लगातार बारिश के चलते अब धूप निकलने के कारण वे बिलों से बाहर आए है। उनकी बिलों में फफंूद तथा नमी बनी हुई है। इस सीजन में ये सर्प केचली छोड़ते है। सर्प के पास लोग नहंी जा रहे दूर से देखने के कारण नई केचली से सूर्य की किरणा परावर्तित होने के कारण रंग बदलती नजर आ रही है, जिसके कारण अंध विश्वास फैल गया है।
ीर्तन में भी जुट गए हैं।
लखन ने देखा सबसे पहले
बताया गया कि झिरिया गांव निवासी लखन नामक युवक झिरिया में नहाने के लिए गया था तो उसने पहाड़ी चट्Þटान के आसपास सर्प को विचरण करते देखा था। वहीं उसने सर्प के शरीर पर चमक देखी तथा उनका रंग बदलते देखा। इसकी सूचना गांव में दी जिसके कारण लोगों की भीड़ लग गई।
इलाके में खजाने की अपवाह
उल्लेखनीय है कि डिंडौरी इलाका आदिवासी इलाका है यहां अंधविश्वास ज्यादा फैलता है। यहां लोग सर्पदंश का इलाज कराने के पहले झाड़फूंक करते है। सर्प के रंग बदलने और उसके चमकने को लेकर लोगों में जमीन के नीचे गड़ा धन होने की अपवाह भी तेजी से फैल गई है।
वर्जन
सर्प रंग नहीं बदलते है,यह सिर्फ दृष्टिभ्रम की घटना है। यहां सर्प की मौजूदगी बिल्कुल सामान्य है। वन विभाग को सर्प की सुरक्षा के लिए लोगों को यहां पहुंचने से रोकने की जररूत है। वहीं इस पहाड़ी का संरक्षण किया जाना चाहिए चूंकि यहां सर्प बड़ी संख्या में पाए जाते है।
मनीष कुलश्रेष्ठ
सर्प विशेषज्ञ
सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलेश्रेष्ठ के अनुसार दृष्टिभ्रम
* अंधविश्वास को बढ़ावा देना खतरना
जबलपुर। पड़ोसी जिला डिंडौरी के मेहंदवानी विकाासखंड के ग्राम भुरका में पिछले कई दिनों से एक पहाड़ी में सांपों का झुंड लग रहा है और इस सर्प के रंग बदल रहे है जिसके कारण बड़ी संख्या में लोग एकत्र हो रहे है और नागराज की पूजा अर्चना भी होने लगी है। प्रदेश में विख्यात सर्प विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ का कहना है सर्प गिरगिट की तरह रंग नहीं बदलते है यह पानी की नमी के कारण दृष्टिभ्रम उत्पन्न हो रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहाड़ी में पिछले कई दिनों से सर्प का डेरा लग रहा है। इन सांपों का बार बार रंग भी बदल रहा है। और इसे दैवीय चमत्कार मानकर भजन कीर्तन तक शुरू हो गए है। नरियल प्रसाद वालों की दुकानें सजने लगी हे।
नाग नागिन के जोड़े
क्षेत्र में सर्प के झुंड को लेकर जो चर्चाएं चल रही है उसके मुताबिक नाग नगिनों के यहां पर जोड़े नजर आ रहे है। वहीं जानकारों का कहना है कि सांप नाग प्रजाति के न होकर धामन है और वे जहरीले भी नहंी होते है।
पिछले दिनों लगातार बारिश के चलते अब धूप निकलने के कारण वे बिलों से बाहर आए है। उनकी बिलों में फफंूद तथा नमी बनी हुई है। इस सीजन में ये सर्प केचली छोड़ते है। सर्प के पास लोग नहंी जा रहे दूर से देखने के कारण नई केचली से सूर्य की किरणा परावर्तित होने के कारण रंग बदलती नजर आ रही है, जिसके कारण अंध विश्वास फैल गया है।
ीर्तन में भी जुट गए हैं।
लखन ने देखा सबसे पहले
बताया गया कि झिरिया गांव निवासी लखन नामक युवक झिरिया में नहाने के लिए गया था तो उसने पहाड़ी चट्Þटान के आसपास सर्प को विचरण करते देखा था। वहीं उसने सर्प के शरीर पर चमक देखी तथा उनका रंग बदलते देखा। इसकी सूचना गांव में दी जिसके कारण लोगों की भीड़ लग गई।
इलाके में खजाने की अपवाह
उल्लेखनीय है कि डिंडौरी इलाका आदिवासी इलाका है यहां अंधविश्वास ज्यादा फैलता है। यहां लोग सर्पदंश का इलाज कराने के पहले झाड़फूंक करते है। सर्प के रंग बदलने और उसके चमकने को लेकर लोगों में जमीन के नीचे गड़ा धन होने की अपवाह भी तेजी से फैल गई है।
वर्जन
सर्प रंग नहीं बदलते है,यह सिर्फ दृष्टिभ्रम की घटना है। यहां सर्प की मौजूदगी बिल्कुल सामान्य है। वन विभाग को सर्प की सुरक्षा के लिए लोगों को यहां पहुंचने से रोकने की जररूत है। वहीं इस पहाड़ी का संरक्षण किया जाना चाहिए चूंकि यहां सर्प बड़ी संख्या में पाए जाते है।
मनीष कुलश्रेष्ठ
सर्प विशेषज्ञ
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