जबलपुर। मरीज को 24 घंटे में औषधि उपलब्ध कराने के अभाव में सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीजों के चलाई जा रही दीन दयाल अन्तोदय योजना दम तोड़ती नजर आ रही है। शासकीय अस्पतालों में एक दिन के बाद मरीजों को दवाई उपलब्ध कराए जाने के चलते मरीजों के इलाज प्रभावित हो रहा है। महाकौशल व संभाग के सबसे बडेÞ मेडिकल अस्पताल हो या जिले के सबसे बडेÞ विक्टोरिया अस्पताल या अन्य किसी शासकीय अस्पताल में अमूमन यही स्थिति है जो भी गरीब मरीज अन्तयोदय उपचार योजना के कार्ड के सहारे इलाज के लिए भर्ती होता है, उसे दवाईयाँ 24 घंटे बीत जाने के बाद तो कभी भर्ती होने के 36 घंटे बाद भी दवाई नहीं मिल पाती है जिसके चलते चिकित्सीय कार्य प्रभावित होती है।
नहीं बन पाया हेल्प डेस्क-
शासन के निर्देशों के मुताबिक बडेÞ शासकीय चिकित्सालयों में दीन दयाल अंतोदय कार्ड धारकों की मदद के लिए हेल्प डेस्क रहना आवश्यक है जिसमें एक कांउसलर नियुक्त होना चाहिए जो अस्पताल में भर्ती मरीजों को 24 घंटे दवा उपलब्ध कराने में सहायक की भूमिका निभा सकें लेकिन देखने में यह आ रहा है दवाईयों की सुचारू सप्लाई के लिए जिम्मेदार आला अधिकारी ने शासन के निर्देशो को ठुकरा दिया है। आला-अधिकारियों की मरीजों के प्रति संवेदनहीनता का खामियाजा गरीब मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।
चेतावनी का नहीं हुआ असर -
सूत्रों की माने तो विक्टोरिया अस्पताल व मेडिकल के आला अधिकारियों ने परचेज आॅफीसर को लोकल दवाई खरीदी जानबूझ कर बरती जा रही लाहपरवाही पर कई बार चेतावनी दे चुके है लेकिन बावजूद इसके इन अधिकारियों पर कोई असर होता दिखाई देता नजर नहीं आ रहा है।
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