Wednesday, 14 September 2016

उमरिया में सामुदायिक पुलिसिंग


जबलपुर। उमरिया पुलिस अधीक्षक द्वारा सामुदायिक पुलिससिंग के लिए अभिनव प्रयोग किया है। पुलिस अधीक्षक स्वयं स्कूल में पहुंच कर बच्चों को पढ़ा रहे है। उनके साथ ही उनके स्टॉफ के एएससी, सीएसपी तथा डीएसपी भी स्कूलों को चयन कर स्कूल में बच्चों को पढ़ाई करवा रहे है। पुलिस अधीक्षक स्वयं बच्चों से रूबरू होकर उनसे कहते है कि पुलिस वाला बनना है तो अच्छे से पढ़ाई करो।

समुदायिक पुलिसिंग के तहत गत मंगलवार को पुलिस अधीक्षक चंद्रशेखर सोलंकी एवं एएसपी अमित वर्मा ने ग्राम बड़ेरी स्थित प्राथमिक शाला पहुंचे। वहां उन्होंने बच्चों को का एक पीरियड लिया। पुलिस अधीक्षक ने बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाने उनसे रूबरू हुए , वहीं उन्होंने गणित तथा विज्ञान संबंधी प्रश्न भी पूछे।
गणित में सही जवाब देने वाले बच्चों को जयोमेट्री बाक्स पुरूस्कार के रूप में दिए। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि वे प्रतिदिन स्कूल पहुंचते हैं तो उनकी पढ़ाई के प्रति रूचि बढ़ेगी। पढ़ लिखकर भविष्य में एसपी -कलेक्टर भी बन सकोगे।
मिशन के तहत कार्य
 पुलिस अधीक्षक ने समस्त पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्देश दिए है। इसके तहत जिले में शत प्रतिशत बच्चों को स्कूल तक पहुंचाने और महौल कायम करने कहा गया है।  इसके साथ ही स्कूलों में पुलिस अफसर पहुंच कर बच्चों की शिक्षकों की तरह पढ़ाई भी कुछ देर कराएंगे।
 10 वीं में जिले का नाम रौशन किया
 पुलिस अधीक्षक 10 वीं की प्रवीण्य सूची में आने वाले छात्र के घर भी पहुंचे थे। जिला का नाम रौशन करने वाले छात्र का अपनी तरफ से गिफ्ट भी दी थी।
 जीवन से जुड़ा  प्रशंग
 पुलिस अधीक्षक ने छात्रों को बताया कि जब वे  उज्जैन में स्कूल में पढ़ते थे तब जिला कलेक्टर स्कूल पहुंचे थे तथा उन्होंने पढ़ लिख कर अपने जैसे बनने प्रेरित किया था और आज मै जिला में पुलिस अधीक्षक हूं। यहीं प्रेरणा मै सभी विद्यार्थियों को देना चाहता हूं कि वे पढ़ लिखकर ऊंचाइयों पर पहुंचे।

वर्जन
 पुलिस के अधिकारी विभिन्न स्कूलों में जाकर बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रेरित भर नहंी करेंगे , बकायदा शिक्षकों की तरह उन्हें पढ़ाई भी कराएंगे। मैने यह अभियान जिला में हर बच्चों को स्कूल में पहुंचाने की के उद्देश्य से किया है।
चंद्रशेखर सोलंकी
पुलिस अधीक्षक उमरिया

 रेंज में पांच बच्चे गोद लिए
आईजी डीके आर्य के निर्देश पर उमरिया जिला में हर थाने की पुलिस को पांच लावारिस बच्चों को पढ़ाई लिखाई कराने का जिम्मा संभालने के निर्देश दे रखे है। आईजी के निर्देश से आगे बढ़ कर पुलिस हर बच्चों को स्कूल पहुंचाने का अभियान शुरू किया है।

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