नही लग पा रही लगाम, विजलेंस भी खामोश
जबलपुर,। रेल यात्रियों की सुविधाओं के लिए शुरू की गई तत्काल आरक्षण व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ टिकट माफिया ही उठा रहे हैं। टिकट आरक्षण केन्द्र से शुरू होने वाले इस भ्रष्टाचार की जड़ें पूरे देश में फैली हैं। गौरतलब है कि विगत माह में विजलेंस टीम ने छापा मारकर भारी अनियमितताओं को पकड़ा है। इससे यह साफ होता है कि बिना रेल अधिकारियों की सांठगांठ से टिकट माफिया कुछ नहीं कर सकता।
रात में होता है खेल-
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार टिकट दलाल के गुर्गे आरक्षण केन्द्र के बाहर लगी लाइनों में लग जाते हैं और टिकट दलाल आरक्षण केन्द्र के अन्दर बैठकर टिकिट काउंटर में बैठे अधिकारी को इशारा करके बताता है कि ये मेरा आदमी है। सूत्रों के मुताबिक खास तौर से मदनमहल स्टेशन में इन दिनों एक टिकट दलाल अधिकारियों से मिलकर चांदी काट रहा है।
एक आवेदन पर चार टिकट-
नियमानुसार आरक्षण कोटे के आवेदन में चार यात्रियों को आरक्षण सुविधा दी जाती है। टिकट दलाल के 30-40 गुर्गे लाइन में लगकर तत्काल आरक्षण सुविधा को उन यात्रियों के नाम करा लेते हैं जिनसे एक दिन पहले बुकिंग की जाती है। बताया जाता है कि तत्काल आरक्षण की एक टिकट बेचने पर दलाल को 200 रुपये का मुनाफा होता है। सूत्रों के अनुसार इन 200 रुपये में से रिजर्वेशन काउंटर में बैठे लोगों को 20 से 50 रुपये प्रति टिकट के हिसाब से दिया जाता है।
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