* दो इंच का चीरा लगाकर दोनों
जांघ की हड़्डी जोड़ी
* डॉ. विश्वास शर्मा
डायरेक्टर आदित्य हॉस्पिटल जबलपुर
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सतना से एक मरीज मेरे पास आया। उसके कमर के नीचे दोनों जांघ की हड़डी बुरी तरह टूट गई थी। यूं तो आॅपरेशन करके हड्डी जोड़ा जाना अब बेहद सामान्य केस हो गए है लेकिन इस मरीज का आॅपरेशन करना बेहद जोखिम पूर्ण काम था। दरअसल मरीज का लीवर बस्ट हो गया था। ऐसे में बेहोशी के लिए दिया जाने वाला इंजेक्शन इसके लिए जानलेवा हो गया था। मरीज को लगातार बेड रेस्ट की भी जरूरत थी। इसके लिए माइक्रो सर्जरी से मरीज के पैर की हड़्डी जोड़ने का निर्णय लिया गया। अमूमन हाथ पैर की सर्जरी में माइक्रो सर्जरी कम की जाती है। चूंकि इसमें अचूक परिणाम आने की गुंजाइश कम होती है लेकिन इस आॅपरेशन के बेहद शानदार परिणाम आए। ये अनुभव है नगर के नामी हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. विश्वास शर्मा का।
डॉ. विश्वास ने पीपुल्स से इस केस पर चर्चा करते हुए बताया कि सतना निवासी मरीज विजय मंधानी का गत 17 मई को वहां एक हादसे का शिकार हो गया था । उसको जबलपुर लाया गया। यहां आदित्य हॉस्पिटल में रखकर उसका इलाज प्रारंभ किया गया। जांच में पाया गया कि उसके कमर के नीचे दोनों पैरों की जांघ की हड्डी टूट गई है। एक्सरे में हड्Þडी टूटी अलग नजर आ रही थी। मरीज का चैकअप करने पर स्पष्ट हुआ कि उसका लीवर बस्ट है। ऐसी स्थिति में आॅपरेशन के लिए यदि मरीज को बेहोश किया जाएगा तो फिर उसके होश में आने की संभावना नहीं थी। इसके चलते उसके जांघ के उसी हिस्से को सुन्न किया गया जहां की हड़डी टूटी हुई थी। इसके बाद कम्प्यूटरीकृत मशीन के माध्यम से मरीज की जांघ में मात्र दो इंच का चीरा लगाया गया। हड़्डी को पहले ही एक दूसरे पर बैठाया जा चुका था। चीरा के रास्ते से स्क्रू के माध्यम से हड्डी को जोड़ा गया। चूंकि आॅपरेशन कम्प्यूटर में आ रही इमेज को देखकर किया गया था जिससे परिणाम बेहतर आए। मरीज का आॅपरेशन के बाद तीन दिनों में घाव भी भर गया है। अब भी मरीज यहां इलाज के लिए भर्ती रखा गया है। उसके लीवर का भी इलाज चल रहा है।
वर्जन
मेरे जांघ की दोनों हड़्डी बुरी तरह टूट गई थी मेरे शरीर में आॅपरेशन कराने की ताकत नहीं थी किन्तु डॉक्टरों में मात्र दो इंच जांघ में चीरा लगाया ओर ा तथा हड्डियों को आपस में जोड़ कर स्कू से कस दिया है। आॅपरेशन किए अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया गया है।
विजय मंधानी , रीवा
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