Sunday, 24 April 2016

मध्य प्रदेश में पेड़ काटने के बाद मात्र 10 प्रतिशत पौधा रोपण

मध्य प्रदेश में पेड़ काटने के बाद मात्र 10 प्रतिशत पौधा रोपण
 6 हजार हैक्टेयर में वृक्षों का किया कत्लेआम
जबलपुर। मध्य प्रदेश में विकास के नाम पर प्रदेश में बड़ी तेजी हरे-भरे वृक्षों का कत्लेआम चल रहा है। मात्र 1 साल में 6 हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र काटा गया। राष्ट्रीय राजमार्ग के विकास के लिए 1 लाख 81 हजार पेड़ काट डाले गए और मात्र 10 प्रतिशत पेड़ लगाए गए है।
यह चौकाने वाला खुलासा भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून की रिपोर्ट में हुआ है। नागरिक उपभोक्ता मंच युवा प्रकोष्ठ के मनीष शर्मा ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि वहीं राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण व नगर पालिका निगम ने वकास के नाम पर शहरों में पिछले पांच सालों से वृक्षों की अंधधुन्ध कटाई चल रही है।
 क्या है रिपोर्ट
भारतीय वन सर्वेक्षण संस्थान देहरादून द्वारा 14 वीं वन परिक्षेत्र रिपोर्ट के तहत मध्य प्रदेश में वर्ष 2014-15 में वन भूमि 77, 462 वर्ग मीटर रह गई है। लिहाजा महज एक वर्ष में वन भूमि करीब 6 हजार हेक्टेयर घट गई। यह कटाई पर्यावरण के दृष्टिकोण से बेहद गंभीर है। इन आंकड़ों से प्रकृति प्रेमी काफी दुखी हैं। लिहाजा अब वे नियमों को ताक पर रख हो रही वृक्षों की कटाई मामले में न्यायालय की शरण में जाने की तैयारी में हैं।


बिना योजनाके कटाई
राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन भोपाल से आरटीआई के तहत निकाली गई जानकारी से खुलासा हुआ है कि पिछले पांच सालों में सड़क चौड़ीकरण, उन्नयन के नाम पर 1 लाख 81 हजार 622 वृक्षों को काटा गया है। यह संख्या वह जो शासकीय विभागों में दर्ज है।
 जिले वार स्थिति
अगर जिले वार आंकड़ों पर नजर दौड़ाई जाए तो जबलपुर में 40145 वृक्षों को काटा गया। इसके अलावा उज्जैन में15778, ग्वालियर में 9760, बुरहानपुर में 1479, सागर में 1439, गुना में 1195 वृक्ष पिछले साल में काट डाले।
वन विकास निगम भी पीछे नहीं
राज्य वन विकास निगम भी जंगलों का सफाया करने में पीछे नहीं है। आरटीआई में राजेश चक्रवर्ती एवं रानी जायसवाल को मिली जानकारी के मुताबिक राज्य वन विकास निगम ने पिछले तीन साल में खंडवा जिले में
22399.79 हेक्टेयर वन क्षेत्र में करीब 46715 वृक्षों को काटा डाला गया। वहीं पूरे प्रदेश में यह आंकड़ा लाखों में पहुंच चुका है।
ननिज ने काटे 2670 पेड़
पेड़ काटने के नाम पर नगर निगम जबलपुर भी पीछे नहीं है। पिछले पांच सालों में जेएमसी जबलपुर ने करीब 2670 वृक्षों को काटा, जबकि 2 हजार से ज्यादा काटे गए वृक्षों का निगम के पास रिकॉर्ड नहीं है। जेएमसी को इन काटे गए वृक्षों के बदले डेढ़ लाख पौधे लगने चाहिए थे, लेकिन महज 10
हजार पौधे लगाकर औपचारिकता पूरी कर ली गई।
ये है कटाई के नियम
 मध्य प्रदेश वृक्षों की कटाई का प्रतिषेध या विनियमन नियम 2007 व
न्यायालय के निर्देश के तहत काटे गए वृक्षों के अनुपात में 10 गुना पौधों उक्त संस्थाओं को लगाना चाहिए था, लेकिन इस नियम का किसी ने पालन नहीं किया।

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