Thursday, 14 April 2016

ब्रूसिलोसिस से इन्सानों में संक्रमण खतरा


* हर साल लाखो दुधारू पशु होते है संक्रमण का शिकार
* पशु वैज्ञानिकों के सेमीनार में मंथन

जबलपुर। देश में गाय-भैंस में तेजी से ब्रुसिलोसिस बीमारी का संक्रमण हो रहा है और लाखों दुधारू गाय भैंस इस बीमारी की चपेट में आते है। एक बार संक्रमण का शिकार मवेशी हो जाता है तो उसको पूर्ण स्वस्थ्य करना कठिन हो जाता है। इसे में टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। इतना ही नहीं संक्रमित पशुओं से इंसानों में भी इस बीमारी का फैलाव होने का खतरा बढ़ा है।
नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा महाविद्यालय में पहुंचे वैज्ञानिकों ने पशु संबंधी बीमारी सहित अनेक गंभीर विषय पर गहन मंथन किया। इसमें जहां विदेशी नस्ल की गाय के दूध को लेकर कैं सर एवं शुगर की बीमारी पर हुए शोध पर चर्चा हुई तो देशी नस्ल की गायों के विलुप्त होने के खतरे पर भी मंथन किया गया।

 क्या है ब्रूसिलोसिस
ब्रूसिलोसिस बीमारी पशुओं में बैंग रोग, क्रीमिया बुखार, जिब्राल्टर बुखार, के नाम से जानी जाती है और इसका संक्रमण बेहद खतरनाक होता है। संक्रमित मवेशी के इसका दूध एवं अधपका मांस खाने से संक्रमण मनुष्य में आने का खतरा बना हुआ है। यह एक बैक्टीरियल बीमारी है। एक बार मवेशी कोे बैक्टीरिया का संक्रमण होता है तो उस मवेशी के शरीर में अजीवन बना रहता है।
गर्भवती गाय-भैंस को संक्रमण के कारण गर्भपात होता है। इसके बाद दोबारा होने वाले बच्चे कमजोर होते है। मवेशियों की दूध देने की क्षमता भी 20-30 प्रतिशत घट जाती है। जबकि इस बीमारी के संबंध में पशुपालक एवं किसान लगभग अनभिज्ञ है।
अन्य मवेशी भी पीड़ित
इसी बीमारी से सिर्फ गाय-भैंस भर नहीं वरन इसकी चार किस्म होती है जो बकरी, भेड़ और कुत्ते और सुकर जैसे पालतू पशुओं में भी होती है। इसी बीमारी का एक रूप बी कैनीस है जो मुख्यत: कुत्तों में होती है। कुत्तों से जंगली जानवरों में फैलने के खतरे को देखते हुए टीकाकरण अभियान भी चलाया गया।
भारत में खतरनाक
भारत में दूध की बिना जांच के बाजार में आता है जिससे संक्रमित जानवर के दूध एवं मांस से बीमारी मनुष्यों में आने का खतरा है। इसके लिए पशु पालकों में जागरूकता की जरूरत है। वे अपने मवेशियों को पशु चिकित्सक से जांच जरूर कराए।
 डॉ. पूरणचंद
वरिष्ठ वैज्ञानिक

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