Sunday, 24 April 2016

हर साल बढ़ता तापमान


 जबलपुर। अप्रैल माह में इस वर्ष गर्मी अपने पिछले दस वर्ष का रिकार्ड तोड़ रही है। इस माह के दूसरे पखवाड़े में प्रदेश का अधिकतम तापमान 44 डिग्री पार कर चुका है। इस वर्ष गर्मी के बढ़े तापमान को लेकर मौसम वैज्ञानिक भले ही असमंजस में नहीं है और अच्छे मानसून के संकेत बता रह है लेकिन सामान्य मौसम के इस बदले रूख को प्राकृतिक आपदा और ग्लोबल वार्मिग का  कारण मान रहे है।
मौसम विशेषज्ञों की ही माने तो ग्लोबल वार्मिग के कारण पिछल्ले 100 सालों में भू मंडलीय तापमान में 1.3 डिग्री सेल्सियस बढ़ चुका है। इसी तरह भारत में औसत तापमान 200 वर्ष में 2.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ा है।
पिछले एक दसक से मध्य प्रदेश के शहरों औसत तापमान प्रतिवर्ष .03 डिग्री सेल्सियस बढ़ौतरी हुई है जिसके पीछे तेजी से जंगलों का कटना तथा कार्बन डाइआक्साइड जैसी ग्रीन गैस में बढौतरी वैज्ञानिक मान रहे है। इसके अतिरिक्त देश के ही अनेक बड़े शहरों में ये बढ़ौतरी .07 तक दर्ज की गई है। जानकारों की माने तो जबलपुर में पिछले दस वर्षो मं औसतन 0.05 डिग्री तापमान में औसत बढ़ौतरी दर्ज की गई है। मध्यप्रदेश में  अधिकतम तापमान 0.06 डिग्री सेल्सियस हर साल बढ़ रहा है। इतना ही नहीं ठंड के सीजन में भी औसत तापमान 0.02 डिग्री सेल्सियस  बढ़ा है।
अलनीनो इफैक्ट
 मौसम वैज्ञानिक एसके नायक ने बताया कि पिछले कुछ वर्षो में तापमान में आ रही तेजी की वजह अलनीनो इफैक्ट रहा है। इसके कारण मध्य  प्रदेश सहित देश में औसत से कम वर्षा हुई है। वर्षा कम होने के कारण तापमान में बढौतरी ज्यादा रही है। इस वर्ष अलनीनो इफैक्ट का असर हुआ है जिससे मानसून सहित मौसम सिस्टम में सुधार की संभावना है।
श्री नायक ने बताया कि कम वर्षा के कारण तापमान में बढौतरी दर्ज की गई है किन्तु इसके साथ ही मानसून को लेकर मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि  मानसून शतप्रतिशत रहेगा।

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