Thursday, 14 April 2016

गोलाबारूद से भरी बोगिया

आखिर क्यों बेपटरी हो रही


रेलवे ने जांच कर फाइल
ठंडे बस्ते में डाली
जबलपुर। मुख्य रेलवे स्टेशन से आयुध निर्माणी खमरिया को जाने वाली साइड लाइन में लगातार गोला बारूद से भी बोगिया बेपटरी हो रही है। पटरी से बोगी उतरने से बड़े खतरे की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है। गोला बारूद से भी बोगियां पटरी से उतरने और ट्रेन दुर्घटना में संयोग से अब तक कोई बड़ा विस्फोट नहंी हुआ है लेकिन इस आशंका से अब एक सिरे से इंकार भी नहीं किया जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015 में अगस्त माह में हाईली एक्सप्लोजिव तथा बम गोले से भरी पांच बोगिया पटरी से उतर गई थी। दो दिनों तक बोगियां खाली करने के बाद बोगियों को पटरी पर लाया गया था। इस घटना को आयुध निर्माणी तथा रेलवे दोनों ने भारी गंभीरता से लिया था। इस दौरान जानकारों का कहना था कि यदि बोगिया पलट जाती तो भीषण विस्फोट होता तथा बेहद तबाही मच जाती।
जांच के निर्देश हुए
इस घटना के बाद जांच के निर्देश हुए थे और जांच टीम ने अपनी जांच पूरी कर इसके रिपोर्ट भी रेलवे तथा ओएफके को सौंप दी गई लेकिन इसके बावजूद कोई सुधार कार्य पटरियों पर नहीं हुआ और बाबा आदम जमाने की पटरी पर बम एवं  बारूद से भरी बोगिया दौड़ती रही।
एक पखवाड़े में दो दुर्घटना
इस पखवाड़े में इसी साइड लाइन ने आयुध निर्माणी की बमो से भरी बोगिया दो बार बेपटरी हो गई और बड़ा  हादसा टल गया । सूत्रों की माने तो इस पखवाड़े में हुई पहली दुर्घटना के बाद रेलवे ने जांच पड़ताल कराई। इसमें मुख्य बिन्दु रेल लाइन में आई तकनीकी खामी अथवा मालगाड़ी के चालन में गडबड़ी संबंधी जांच की गई ओर जांच रिपोर्ट भी आ गई लेकिन इस रिपोर्ट के नतीजे को गौर करने के बजाए इस लाइन से गोलाबारूद का परिवहन जारी रखा गया जिसके चलते गुरूवार को फिर बोगिया फिर बे पटरी हो गई।
रख  रखाव की राशि वसूलता है
सूत्रों की माने तो आयुध निर्माणी से स्टेशन तक की साइड लाइन फैक्टरी प्रबंधन ने डलवाई है लेकिन इसका रख रखाव का जिम्मा रेलवे का है और मैनटेनेन्स राशि के रूप  में रेलवे को बड़ी रकम हर साल मिल रही है किन्तु साइड लाइन की मरम्मत होती नहीं है जिसके कारण पुरानी पड़ी लाइन खतरनाक हो गई  है।

वर्जन
मालगाड़ी पटरी से उतरने के लिए जांच कराई गई है जिसकी रिपोर्ट मिल गई है। रिपोर्ट में क्या आई है इसका अध्ययन मैने फिलहाल नहीं किया है किन्तु दुर्घटना की वजह को दूर करने प्रयास किया जाएगा।
सुरेन्द्र यादव
सीपीआरओ, पमरे

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