जबलपुर। दमोह जिले का ममरखा गांव एक ऐसा गांव है जहां आज भी जमीदारी के जमाने के जुल्म सितम गांव के दबंगों के चलते है। यह अब भी छोटी जात के लोगों को घोड़े-घोड़ी पर चढ़ने का अधिकार नहीं है। गांव के दबंग सवर्णो के आगे किसी की हिम्मत नहीं होती है। लेकिन अब यहां के दलित छूआ-छूत और भेदभाव की जंजीरों से मुक्त होने छटपटा रहे है। इन दबंगों के खिलाफ यहां के रजक समाज ने एक जुट होने का आव्हान किया है।
यहां के रजक समाज ने गांव के एक युवक की बारात में दूल्हे को घोड़ी में बैठाकर ही निकालने का निर्णय लिया है। इसके पहले कभी किसी दूल्हा ने घोड़ी में बैठने कोशिश की तो उसको बेइज्जत किया गया। जिस युवक की बारात निकलनी है, उसने पहले ही घोड़ी पर अपनी बारात निकालने की बात कहीं थी लेकिन उसको बारात नहीं निकालने देने की धमकी मिली थी।
सहयोग की अपील
दमोह जिले में मध्य प्रदेश रजक समाज सहयोग संघ बनाया है जिसने समस्त सामाजिक संघों एवं समाज सेवी समितियों से आव्हान किया गया है कि ममरखा गांव निवासी ं रमोल रजक के बेटे की बारात घोड़ी पर निकलवाने सहयोग करे।
17 अप्रैल को होगा विवाह
इस विवाह से दमोह में रजक समाज में जबदस्त उबाल है। जहां एक ओर रजक समाज लामबंद है, वहीं सवर्ण अथवा गांवों में मौजूद दबंगों के शोषण के शिकार हो रहे दलित समाज के लोगों में इस सामंती प्रथा के खिलाफ जबदस्त रोष व्याप्त है और वे लामबंद हो रहे है, अचानक विरोध का स्वर तनाव का कारण भी पैदा कर सकता है
जिसको लेकर प्रशासन भी अलर्ट है। प्रशासन की परीक्ष की घड़ी 17 अप्रैल है। इस दिन ग्राम ममरखा थाना पथरिया दमोह में दोपहर लगभग 12 बजे रमोल रजक के पुत्र संतोष रजक को दूल्हा बनाकर घोडे पर बैठाकर कर रछवाई फेरने के लिए ले जाया जाएगा।
प्रताड़ित किया जा रहा है
बताया गया कि इस रश्म को घोड़े में न बैठकर करने के लिए कतिपय लोगों द्वारा रजक समाज के एक परिवार पर दबाव बनाए हुए है। उन्हें झूठे प्रकरण में फंसाने तथा अन्य तरह से - धमकाने की कोशिश भी की गई है। किन्तु यह परिवार भी संकल्पिक है कि संतोष को दूल्हा बनाकर घोड़े पर ही बैठाया जाएगा।
वर्जन
दमोह पुलिस लगातार गांव की गतिविधियों पर नजर रखे हुए है। विवाह के लिए विशेष सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे। यदि कोई विवाद या तनाव फैलाने कोशिश करता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन इस मामले को लेकर अलर्ट है।
तिलक सिंह
पुलिस अधीक्षक दमोह
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