Thursday, 14 April 2016

सेना को दुर्गम इलाके में रसद पहुंचाने तैयार होंगे एलएसव्ही


जबलपुर। भारतीय सेना को ऊंचे पहाड़ी और दुर्गम स्थानों पर रसद पहुंचाने के लिए लाइट स्पेस्लिस्ट व्हीकल(एलएसव्ही) की जरूरत महसूस की जा रही है। व्हीकल फैक्टरी द्वारा एलएसव्ही तैयार करने प्रस्ताव तैयार किया है। इसको लेकर सहयोगी कंपनियों को भी आमंत्रित किया जा चुका है। इस व्हीकल के तैयार होने पर दुर्गम स्थलों पर तेजी से लाइट व्हीकल पहुंच कर रसद की आपूर्ति बेहतर तरीके से कर सकेंगे। अति दुर्गम स्थलों में अब भी रसद हैलीकाप्टर से ही पहुंचाई जा रही है।
सूत्रों की माने तो व्हीकल फैक्टरी को ऐसे वाहन तैयार करने की डिमांड सेना से मिली है, इसको लेकर काफी समय से गहन तैयारी चल रही है। ये लाइट व्हीकल वर्तमान में सेना के लिए तैयार हो रहे एलपीटीए तथा स्टालियन से भी हल्के चाहिए। इन वाहनों का स्वरूप कैसा होगा, उसमें कितने एचपी का इंजिन होगा तथा कितना बडेÞ आकार का होगा इसको फिलहाल पूरी तरह गोपनीय रखा गया है। एलएसव्ही की कागज में डिजाइन तैयार की गई है।
उल्लेखनीय है कि व्हीकल फैक्टरी में सेना के लिए वाहन उत्पादन के कार्य में काफी पिछड़ चुकी है। यहां वर्तमान सेना मारूति कंपनी की जिप्सी तथा टाटा कंपनी की 407 व्हीकल को उपयोग व्यापक पैमाने में करती है। जिप्सी एवं टाटा 407 को बुलेट प्रूफ बनाने का काम व्हीकल फैक्टरी के पास है। इसे आर्मड बनाने के लिए फैक्टरी इसका वजन काफी बढ़ा देती है लेकिन वहान के इंजन की क्षमता बेहतर होने के कारण आर्मड जिप्सी एवं टाटा 407 काफी सफल वाहनों की श्रेणी में हैं। इन वाहनों का इस्तेमान सेना गश्ती तथा सोल्जर के परिवहन के लिए  भी करती है लेकिन सेना को ऐसे हल्के वाहनों की आवश्यकता है जो दुर्गम स्थानों में तेज गति से पहुंच सके। इसके लिए न्यू डिजाइन तैयार की जा रही है और इसको तैयार करना भी व्हीएफजे ने प्रस्तावित किया है।
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ये होना नए मॉडल की विशेषता
* 5-6 सैनिकों को ले जाने की क्षमता
* सैनिक न होने पर रसद परिवहन
* गश्ती में उपयोगी होना चाहिए
* सुरक्षा की दृष्टि से बेहतर
* गुणवत्ता के अंतराष्ट्रीय मापदण्ड के अनुरूप  

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